एक क्रेडिट कार्ड का बिल दूसरे से देना संभव नहीं

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 05, 2016

प्रभासाक्षी के लोकप्रिय कॉलम 'आर्थिक विशेषज्ञ की सलाह' में लगातार ऐसे प्रश्न मिल रहे हैं जोकि काफी हद तक मिलते जुलते हैं। हमने कुछ ऐसे प्रश्नों को छांटा है जोकि सर्वाधिक मिलते जुलते लगे। पाठकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक व कंपनी सचिव श्री बी.जे. माहेश्वरी जी। श्री माहेश्वरी पिछले 32 वर्षों से कंपनी कानून मामलों, कर (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष) आदि मामलों को देखते रहे हैं। यदि आपके मन में भी आर्थिक विषयों से जुड़े प्रश्न हों तो उन्हें edit@prabhasakshi.com पर भेज सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को प्रकाशित होने वाले इस कॉलम के अगले अंक में आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास रहेगा।

प्रश्न-1. मैं एमबीए करना चाहती हूँ क्या इसके लिए मुझे एजुकेशन लोन मिल सकता है? यह भी जानना चाहती हूँ कि क्या एजुकेशन लोन सिर्फ मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए ही मिलता है? (दीपिका कुमारी, दिल्ली)

 

उत्तर- आपकेा एमबीए करने के लिए एजुकेशन लोन मिल सकता है और यह केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों के लिए मिलता है।

 

प्रश्न-2. मैंने एक निजी बैंक से एजुकेशन लोन लिया था। मेरी गलती यह रही कि नौकरी पर लगने के एक साल बाद तक मैंने ईएमआई का भुगतान शुरू नहीं किया अब जब बैंक का नोटिस आया है तो उसमें पैनल्टी के तौर पर बड़ी राशि जोड़ दी गयी है। क्या इस मामले में मुझे किसी तरह राहत मिल सकती है? (संजय अहीर, बरेली)

 

उत्तर- आपके द्वारा ईएमआई का भुगतान समय पर न किये जाने की दशा में पैनल्टी के तौर पर जोड़ी गई राशि में राहत के लिए आप उक्त निजी बैंक में निवेदन कर सकते हैं।

 

प्रश्न-3. क्या एक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान दूसरे क्रेडिट कार्ड से किया जा सकता है? (रंजीत सचान, कानपुर)

 

उत्तर- साधारणतः एक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान दूसरे क्रेडिट कार्ड से नहीं किया जा सकता।

 

प्रश्न-4. क्या रेल यात्रा के दौरान सामान खो जाने पर उसके लिए कोई दावा किया जा सकता है? (आरती पाण्डेय, गाजियाबाद)

 

उत्तर- रेल यात्रा के दौरान सामान खो जाने पर आप स्टेशन मास्टर के ऑफिस में शिकायत कर सकते हैं। आप भविष्य में ऐसी परेशानी से बचने के लिए Prior Insurance करा सकते हैं।

 

प्रश्न-5. सरकारी आंकड़े कहते हैं कि महंगाई कम हो गयी जबकि हकीकत में ऐसा है नहीं। मैं जानना चाहती हूँ कि महंगाई को मापने का पैमाना क्या होता है? (अनु अग्रवाल, मेरठ)

 

उत्तर- महंगाई आंकने के लिए दो निम्न पैमाने हैं।

1- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक- Consumer Pricer Index

2- थोक मूल्य सूचकांक- Wholesale Price Index

 

इनमें अव्यावश्यक वस्तुओं का समावेश होता है और पिछले वर्ष को आधार माना जाता है।

 

प्रश्न-6. अकसर ईकॉमर्स वेबसाइटों पर लुभावने ऑफर के तहत कुछ खरीददारी पर कैश वाउचर दिये जाते हैं लेकिन बाद में पता चलता है कि यह कैश वाउचर कुछ तय खरीददारी पर ही इस्तेमाल हो सकते हैं। क्या इस संबंध में कहीं शिकायत की जा सकती है? (रानू गुप्ता, दिल्ली)

 

उत्तर- सभी ईकॉमर्स वेबसाइटें अपने लुभावने ऑफरों में T&C Apply लिखकर स्वयं को सुरक्षित कर लेती हैं। अतः उपभोक्ता किसी भी अनियमितता की दशा में कुछ नहीं कर सकता।


प्रश्न-7. मैंने दीपावली पर्व पर एक मोबाइल फोन खरीदा। जब मैं खरीदने गया तो मुझे पता चला कि मोबाइल फोन के साथ उपहार के तौर पर दी जा रही एक्सेसरीज की स्कीम बंद हो गयी है। लेकिन अगले दिन मेरे मित्र ने मुझे बताया कि उसी शाम उसे वह स्कीम प्रदान की गयी। मैंने दुकानदार से इस भेदभाव की शिकायत की तो वह स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाया। मुझे क्या करना चाहिए? (मो. असलम, बिजनौर)

 

उत्तर- दुकानदारी अनरेग्यूलेटेड मार्केट है। इसलिए उनके द्वारा किये भेदभाव की शिकायत कहीं नहीं की जा सकती।

 

प्रश्न-8. क्या ऐसा कोई नियम है जिसके तहत छोटे क्लीनिकों में बैठने वाले डॉक्टरों से बिल लिया जा सके? (राजेंद्र पाहवा, हिसार)

 

उत्तर- छोटे क्लीनिकों में बैठने वाले डॉक्टरों से बिल या रसीद प्राप्त करने के लिए कोई नियम कानून नहीं है। आप चाहें तो उनके पास बिल/रसीद के लिए निजी रूप से आग्रह कर सकते हैं।

 

प्रश्न-9. सिनेमाघरों में हर वस्तु के दाम एमआरपी से ज्यादा वसूले जाते हैं इस बारे में अदालतों की ओर से कई बार जुर्माने लगाये जा चुके हैं लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा है। क्या सरकार इस बारे में कोई नया कानून बना रही है? (शम्स ताहिर, दिल्ली)

 

उत्तर- एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलना कानूनन गलत है और आप इसकी शिकायत उपभोक्ता अदालत में कर सकते हैं।

 

प्रश्न-10. क्या उत्पादों के बारे में भ्रमित विज्ञापन करने पर सेलेब्रेटियों पर भी कार्रवाई वाला कानून लागू हो गया है? (प्रशांत सिन्हा, पटना)

 

उत्तर- अभी तक ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके चलते उत्पादों के बारे में भ्रमित विज्ञापन करने के लिए सेलेब्रिटियों पर कोई कार्रवाई की जा सके।

 

नोटः कर से जुड़े हर मामले चूँकि भिन्न प्रकार के होते हैं इसलिए संभव है यहाँ दी गयी जानकारी आपके मामले में सटीक नहीं हो इसलिए अपने विशेषज्ञ की सलाह भी ले लें।

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