नयी दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी। सोमवार को सत्या नडेला का बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने नागिरकता कानून पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जो हो रहा है वह दुखद है... खासकर उस व्यक्ति के लिए जो कुछ और देखकर वहां पर बड़ा हुआ हो।
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दरअसल, मैनहेट्टन में माइक्रोसॉफ्ट के एक इवेंट के मौके पर दुनियाभर के बड़े एडिटर्स के साथ सत्या नडेला बातचीत कर रहे थे। इसी बीच बज़फीड के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ सत्या नडेला से भारत में हो रहे प्रदर्शनों पर उनकी प्रतिक्रिया जानना चाहते थे। तभी नडेला ने कहा कि, 'मुझे लगता है कि जो हो रहा है वह दुखद है... लेकिन मैं मुझे अच्छा लगेगा अगर कोई बांग्लादेशी अप्रवासी भारत में इन्फोसिस का सीईओ बनता है।
सत्या नडेला द्वारा दिए गए इस बयान के बाद सोशल मीडिया में मानो तूफान आ गया हो। उनकी जमकर किरकिरी होने लगी। जिसके बाद सत्या नडेला की तरफ से माइक्रोसॉफ्ट इंडिया को बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि हर एक देश को अपनी सीमाओं को पारिभाषित करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने और प्रवासी पॉलिसी को तय करने का अधिकार है। लोकतंत्रों में यह सब जनता और सरकार के बीच बहस से पारिभाषित होता है।
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नडेला के समर्थन में आए रामचंद्र गुहा
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सत्या नडेला के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि मैं खुश हूं कि सत्य नडेला ने वो कहा जो वो महसूस करते थे। मैं चाहता हूं कि हमारे अपने आईटी सेक्टर के लोगों में वह कहने का साहस हो जो वह सोचते हैं।