धर्म को लेकर जेडी वेंस-उषा तलाक की अफवाहें गरमाईं, क्या एरिका किर्क से नजदीकियां बनी वजह?

By Ankit Jaiswal | Oct 31, 2025

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस इन दिनों सुर्खियों में हैं। दरअसल, हाल ही में टर्निंग पॉइंट यूएसए कार्यक्रम में वेंस के एक बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं उनकी पत्नी उषा, जो हिंदू हैं, एक दिन ईसाई धर्म को अपनाएं। यह टिप्पणी उस वक्त आई जब एक छात्र ने उनसे उनके धर्म और विवाह को लेकर सवाल किया था।

 

गौरतलब है कि जे.डी. वेंस पहले प्रोटेस्टेंट ईसाई थे और 2019 में उन्होंने कैथोलिक धर्म अपना लिया था। उन्होंने कहा कि “मैं चाहता हूं कि मेरी पत्नी भी उसी तरह प्रभावित हो जैसे मैं हुआ था, लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करतीं, तो यह उनका अधिकार है।” इस बयान के बाद अमेरिकी-भारतीय समुदाय में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है।

 

बता दें कि उषा वेंस का जन्म एक तेलुगू हिंदू परिवार में हुआ था और उन्होंने अब तक अपने धर्म को नहीं छोड़ा है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि वे “कन्वर्ज़न की कोई योजना नहीं रखतीं” और उनके बच्चे दोनों परंपराओं हिंदू और ईसाई से परिचित हैं।


वहीं, इस पूरे विवाद के बीच वेंस दंपति के तलाक की अफवाहों ने भी तूल पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स का दावा है कि जे.डी. वेंस अपनी पत्नी से अलग होने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं, कुछ लोगों ने उन्हें एरिका किर्क जो पूर्व ट्रंप सलाहकार चार्ली किर्क की विधवा हैं के साथ रोमांटिक रूप से जोड़ना भी शुरू कर दिया है।

 

हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर में वेंस को एरिका के साथ मंच पर गले मिलते हुए देखा गया, जिसके बाद अटकलें और तेज हो गईं। हालांकि, इस दावे की अब तक किसी ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।


वेंस और उषा की शादी 2014 में हुई थी, जिसमें हिंदू पंडित और कैथोलिक पादरी दोनों ने विवाह संपन्न कराया था। सोशल मीडिया पर कई भारतीय-अमेरिकी यूज़र्स ने वेंस पर “हिंदूफोबिया” और “पाखंड” के आरोप लगाए हैं। पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भी वेंस की आलोचना करते हुए कहा कि वे अपनी पत्नी की हिंदू पहचान स्वीकार करने से “कतराते” हैं।


मौजूदा जानकारी के अनुसार, यह विवाद वेंस की राजनीतिक छवि पर असर डाल सकता है, खासकर 2028 के संभावित राष्ट्रपति चुनाव से पहले। वहीं, उषा वेंस ने अब तक अपने धर्म और पहचान पर डटे रहने का संदेश दिया है और कहा है कि “आस्था व्यक्तिगत होती है, जिसे किसी और के नजरिए से नहीं तौला जा सकता” हैं।

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