कन्हैया कुमार के बाउंसरों ने कार्यकर्ताओं को पीटा! हंगामे के बाद बिहार में रोकी यात्रा, दिल्ली रवाना

By अंकित सिंह | Apr 01, 2025

बिहार में इस साल विधानसभा के चुनाव होने है। कांग्रेस ने एनएसयूआई के प्रभारी एआईसीसी कन्हैया कुमार के नेतृत्व में पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा निकाली है। हालांकि, यह यात्रा अररिया में विवादो से घिर गई। दरअसल, कन्हैया कुमार के निजी सुरक्षा गार्डों ने मार्च में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं को धक्का दे दिया, जिससे उनमें से कुछ गिर गए। इसके बाद वहां हंगामा खड़ा हो गया। यह घटना तब हुई जब पार्टी कार्यकर्ता कुमार के साथ सेल्फी लेने के लिए उनके करीब जाने की कोशिश कर रहे थे। 

 

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क्या हुआ था

जिसके बाद यात्रा का नेतृत्व कर रहे कन्हैया बीच में ही छोड़कर चले गए। यह यात्रा 16 मार्च को पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई थी और कई जिलों से होते हुए 15वें दिन अररिया पहुंची थी। सूत्रों ने बताया कि सुबह अररिया कॉलेज से जब यात्रा शुरू हुई तो सब कुछ ठीक-ठाक था। हालांकि, जैसे ही यह करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ी, स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं में कन्हैया के पास पहुंचने और उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ मच गई, जिस पर उनके सुरक्षा गार्डों ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने बताया कि इन आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए कार्यकर्ता उनके करीब जाने की कोशिश करने लगे, जिससे सुरक्षा गार्डों ने उन्हें धक्का देकर यात्रा जारी रखने दिया। 



प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस घटनाक्रम से स्थानीय कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने सुरक्षा गार्डों की कार्रवाई का विरोध किया। घटना का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा धक्का दिए जाने के बाद कुछ कार्यकर्ता जमीन पर गिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके कारण पार्टी कार्यकर्ताओं और निजी सुरक्षा गार्डों के बीच कथित तौर पर हाथापाई हुई। स्थिति अराजक होने पर कन्हैया ने यात्रा बीच में ही छोड़ दी। घटना का एक कथित वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ। 

 

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कांग्रेस ने क्या कहा

अररिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष जाकिर अनवर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कन्हैया ने यात्रा बीच में ही छोड़ दी क्योंकि उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए दिल्ली जाना था। कन्हैया के जाने के बाद भी यात्रा जारी रही... वह सोमवार को यात्रा में शामिल होंगे।’’ उन्होंने कहा कि यात्रा बिहार के युवाओं के अधिकारों और रोजगार की लड़ाई है और इसका उद्देश्य पलायन को रोकना भी है। यात्रा 24 दिनों तक चलेगी और तीन चरणों में यह पूरे राज्य से होकर गुजरेगी तथा 14 अप्रैल को बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती पर पटना में यात्रा का समापन होगा। यात्रा के एक चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी एक दिन के लिए यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है।

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