कविता एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है जो सामाजिक परिवर्तन को तेज बना सकती: नायडू

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 06, 2019

भुवनेश्वर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को विद्यालयों से कविता को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह सामाजिक बदलाव का एक सशक्त माध्यम हो सकती है।  शांति को प्रगति के लिए पूर्व-शर्त बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि शांति, प्रसन्नता, भाईचारा और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कविता एक शक्तिशाली माध्यम हो सकती है। नायडू ने यहां कवियों के 39वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं विद्यालयों से कविता पाठ और उनके प्रोत्साहन को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाने का आग्रह करता हूं।’’उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं विश्वविद्यालयों से साहित्य, कला और मानविकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए भी कहता हूं। हमें कवियों और लेखकों, कलाकारों तथा गायकों की भी उतनी ही ज़रूरत है जितनी हमें डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की आवश्यकता है।’’

नायडू ने कहा कि कविता को शांति को बढ़ावा देना चाहिए, लोगों को सार्वभौमिक भाईचारे, सामाजिक सद्भाव और सहिष्णुता विकसित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘कविता एक शक्तिशाली उत्प्रेरक के रूप में काम कर सकती है जो सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया को तेज बना सकती है।’’उन्होंने जोर देकर कहा कि एक प्रबुद्ध और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए कला और संस्कृति को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि कला समाज में रचनात्मकता का पोषण करती है।उन्होंने जोर देकर कहा कि रचनात्मक आवाज के बिना, समाज स्थिर हो जाएगा। 

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