By अनन्या मिश्रा | Jul 04, 2025
अगर आप किचन में जले हुए तवे, फूटा पतीला या चटकी हुई हांडी पड़ी है। तो यह सौंदर्यहीनता को बढ़ाने का काम करता है। वहीं ऐसा वास्तु शास्त्र में दरिद्रता का प्रतीक भी माना जाता है। वहीं टूटे और जले बर्तन रखना घर में निगेटिव एनर्जी को बढ़ाता है। साथ ही इससे धन का प्रवाह रुकता है। ऐसा होने से अनचाहे झगड़े, मानसिक तनाव और पारिवारिक अशांति का कारण बन सकता है। इसलिए ऐसे बर्तनों को किचन से निकालना अच्छा होता है।
कई बार पुराने या पहले से उपयोग किए हुए जूठे तेल का फिर से इस्तेमाल किया जाता है। जोकि सेहत के लिए हानिकारक होता है। यह वास्तु के मुताबिक नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है और यह पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे घर के वातावरण में बेचैनी लाता है और मां लक्ष्मी की कृपा को रोक देता है। इससे धन संबंधी समस्या हो सकती है और खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
किचन में अगर आप सालों से जमा फालतू मसाले, सड़ी दालें या खराब खाद्य सामग्री रखी हो, तो यह घर की एनर्जी को बासी और रुकी हुई बना देती है। वास्तु के मुताबिक यह अभाव और धन की रुकावट की वजह बनता है। किचन में ऐसा सामान रखने से खर्चे अनियंत्रित होंगे और कीड़े-मकोड़े व गंध भी निगेटिव एनर्जी को जन्म देती है। इसलिए समय-समय पर रसोई घर से ऐसे सामान को हटाना जरूरी है।
किचन में साफ-सफाई संबंधित चीजें जैसे पोछे या झाड़ू आदि रखना वास्तु दोष माना जाता है। किचन मां अन्नपूर्णा का स्थान होती है। इसलिए इसको पवित्र माना जाता है। वहीं झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और इसका अपमान सीधे तौर पर धन हानि और गरीबी के संकेत माने जाते हैं। इसलिए इन चीजों को किचन से दूर रखना चाहिए और रसोई को पवित्र और स्वच्छ बनाए रखें।
रसोईघर में बिल, कागजात, दवाएं या फिर राशन कार्ड जैसी गैर खाद्य पदार्थों को रखना न सिर्फ अव्यवस्था को बढ़ाता है। लेकिन भोजन की ऊर्जा को भी दूषित करने का काम करता है। वास्तु के मुताबिक ऐसा करना अशुभ माना जाता है। इसके कारण घर में मानसिक तनाव, रोग और आर्थिक तंगी बनी रहती है। किचन सिर्फ सात्विक भोजन, प्रेम और शुद्ध ऊर्जा से जुड़ा स्थान होना चाहिए। इसलिए किचन में सिर्फ खानपान संबंधित चीजें रखना चाहिए।