By Prabhasakshi News Desk | Jan 17, 2025
तिरुवनंतपुरम । केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि केंद्रीय राजकोषीय हस्तांतरण में हिस्सेदारी घटने के कारण राज्य को नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। आर्लेकर ने वामपंथी सरकार की नीति को पढ़ने के साथ विधानसभा के बजट सत्र की शुक्रवार शुरुआत की। केरल की 15वीं विधानसभा के 13वें सत्र के आरंभ के अवसर पर अपने नीतिगत संबोधन में आर्लेकर ने कहा कि राजस्व जुटाने और व्यय को युक्तिसंगत बनाने के लिए ‘‘कड़े कदम’’ उठाने के बावजूद राज्य ‘‘सरकारी वित्त पर दबाव का सामना कर रहा है।’’
राज्य सरकार द्वारा तैयार नीतिगत संबोधन को पढ़ते हुए उन्होंने कहा कि इसका कारण ‘‘राजस्व घाटा अनुदान में कमी और माल एंव सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति की समाप्ति’’ है। आर्लेकर ने कहा कि राज्य सरकार ने 16वें वित्त आयोग को विस्तृत ज्ञापन में अपनी समस्याओं और सुधारात्मक उपायों पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा,‘‘ सरकार आपदा प्रतिरोधी केरल के निर्माण के लिए पहल करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
राज्यपाल ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, मत्स्य पालन व बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार की उपलब्धियों और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधानसभा कैलेंडर के अनुसार 13वां सत्र 17 जनवरी से 28 मार्च तक 27 दिन तक चलेगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 20 से 22 जनवरी तक तीन दिन तक होगी। केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल सात फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सदन में बजट पेश करेंगे।