केरल: एसबीआई को मृतक व्यक्ति की एफडी की राशि जारी करने और बेटे को मुआवजा देने का आदेश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 04, 2025

एर्नाकुलम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एसबीआई को एक व्यक्ति की सावधि जमा (एफडी) की ‘मैच्योरिटी’ राशि वापस करने और उसके बेटे को मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। आयोग ने गुम हुए रिकॉर्ड का हवाला देकर धनराशि का भुगतान नहीं किए जाने पर यह आदेश दिया है।

एर्नाकुलम के व्यट्टिला के निवासी पीपी जॉर्ज ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके दिवंगत पिता पी वी पीटर ने 1989 में स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) की व्यट्टिला शाखा में 39,000 रुपये की सावधि जमा (एफडी) कराई थी।

जून 2022 में अपने पिता की मृत्यु के बाद, जॉर्ज ने जमा राशि पर दावे के लिए एसबीआई से संपर्क किया, जिसमें एसबीटी का विलय किया गया था। हालांकि, बैंक ने यह कहते हुए राशि जारी करने से इनकार कर दिया कि बैंक के विलय के कारण संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं।

इसके बाद जॉर्ज ने राहत की मांग करते हुए उपभोक्ता आयोग का रुख किया। उन्होंने सबूत के तौर पर मूल सावधि जमा रसीद, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र और अन्य कागजात पेश किए।

आयोग ने कहा कि यदि बैंक दस वर्षों से अधिक समय से दावा न की गईं जमाराशियां मानदंडों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को हस्तांतरित कर देते हैं, तो भी जमाकर्ता या उत्तराधिकारी का धन पर दावा करने का अधिकार खत्म नहीं होता।

आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह 39,000 रुपये की सावधि जमा राशि आरबीआई/एसबीआई के नियमों के अनुसार निर्धारित ब्याज समेत वापस करे। साथ ही, अदालत ने बैंक को 45 दिन में याचिकाकर्ता को मानसिक परेशानी के लिए 50,000 रुपये और मुकदमे के खर्च के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।

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