योगी सरकार लाई 'राम-राज' वाला बजट, UP Budget 2024 में आम आदमी पर नहीं बढ़ा कोई नया बोझ, Yogi ने श्रीराम को समर्पित किया बजट

By नीरज कुमार दुबे | Feb 05, 2024

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा में अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत करते हुए इसे भगवान श्रीराम को समर्पित किया है। योगी सरकार अपने हर बजट की कोई ना कोई थीम रखती है। पिछले वर्ष के बजट की थीम त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास थी तो इस बार यानि 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। हम आपको बता दें कि योगी सरकार के आठवें बजट में विकास और विरासत को समान महत्व देते हुए महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर सबसे अधिक ध्यान दिया गया है। बजट को प्रदेश के हित में बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमने न तो कोई अतिरिक्त कर लगाया है ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया है वहीं विपक्ष ने बजट को पूरी तरह निराशाजनक करार दिया है।


विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वार्षिक बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। उन्होंने बताया कि कि बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड़ 71 लाख रुपये है। बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपये की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं। प्रदेश सरकार के बजट में महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर सर्वाधिक जोर दिया गया है।


दूसरी ओर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को भगवान श्रीराम को समर्पित करते हुए कहा है कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं और इस बजट के आदि, मध्य और अंत में श्रीरामलला ही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्सव, उद्योग और उम्मीद को नये यूपी की तस्वीर बताया। वहीं योगी सरकार के बजट को केवल नाम का बताते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट से प्रदेश के लोगों को निराशा हुई है।

इसे भी पढ़ें: वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट नये उत्तर प्रदेश में ‘रामराज्‍य’ की नींव रखेगा : योगी आदित्‍यनाथ

बजट की बड़ी बातों पर गौर करें तो आपको बता दें कि योगी सरकार के बजट में 6 लाख 6 हजार 802 करोड़ 40 लाख रुपये (6,06,802.40 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियां तथा 1 लाख 14 हजार 531 करोड़ 42 लाख रुपये (1,14,531.42 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। इसके अलावा राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 4 लाख 88 हजार 902 करोड़ 84 लाख रुपये (4,88,902.84 करोड़ रुपये) है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 2 लाख 70 हजार 86 करोड रुपये (2,70,086 करोड़ रुपये) तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 2 लाख 18 हजार 816 करोड़ 84 लाख रुपये (2.18,816.84 करोड़ रुपये) शामिल है।


यूपी के इस वित्तीय वर्ष के बजट में 5 लाख 32 हजार 655 करोड़ 33 लाख रुपये (5.32,655.33 करोड़ रुपये) राजस्व लेखे का व्यय है, जबकि 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रूपये (2.03.782.38 करोड़ रुपये) पूंजी लेखे का व्यय है। वहीं समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के बाद 15 हजार 103 करोड़ 89 लाख रुपये (15,103.89 करोड़ रुपये) का घाटा अनुमानित है।


इसके अलावा लोक लेखा से 5 हजार 500 करोड़ रुपये (5,500 करोड़ रुपये) की शुद्ध प्राप्तियां भी अनुमानित हैं। साथ ही समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 9 हजार 603 करोड 89 लाख रुपये (9.603.89 करोड़ रुपये) ऋणात्मक अनुमानित है। प्रारम्भिक शेष 38 हजार 189 करोड़ 66 लाख रुपये (38,189.66 करोड़ रुपये) को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 28 हजार 585 करोड़ 77 लाख रुपये (28,585.77 करोड़ रुपये) अनुमानित है। बजट में राजस्य बचत 74 हजार 147 करोड़ 07 लाख रुपये (74.147.07 करोड़ रुपये) अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 86 हजार 530 करोड़ 51 लाख रुपये (86,530.51 करोड़ रुपये) अनुमानित है, जो वर्ष के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.46 प्रतिशत है।


विधानसभा में बजट प्रस्तुत होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस


उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे बड़े बजट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम को समर्पित किया है। सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट 2024-25 प्रस्तुत किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं और इस बजट के आदि, मध्य और अंत में श्रीरामलला ही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्सव, उद्योग और उम्मीद को नये यूपी की तस्वीर बताया। 


2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि


पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना को पांचवीं बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का ये आठवां बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा ₹7,36,437.71 करोड़ का बजट है। सीएम योगी ने कहा कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित इस बजट में 2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री के विजन सबका साथ सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है। 


न तो कोई अतिरिक्त कर, नाही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया


सीएम ने बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को गिनाते हुए बताया कि पहली बार 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया गया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो ना केवल रोजगार का सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़ रुपए यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। साथ ही प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। आज यूपी देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि सरकार ने ना केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि रेवेन्यु लिकेज को समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। यही कारण है कि यूपी आज एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया, यही नहीं इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित किये गये। 


बजट में राजकोषीय अनुशासन भी है


मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व बैंक के द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाट (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय अनुशासन का भी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट को पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है। 


शुरू होगी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना


मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए बजट में किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बजट में 24,863.57 करोड़ रुपए की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन, जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 2 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन। स्पोर्ट साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना, 22 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में डेवलप किया जाना भी बजट के महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं। 


46 साल बाद प्रदेश के अंदर बनेगा नया शहर


सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है। 46 साल बाद प्रदेश के अंदर नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा। इसके साथ ही यूपी में स्पिरिचुअल टूरिज्म जिसमें अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिष, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरीडोर की थीम पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, प्रयागराज में कुंभ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के लिए धनराशि की व्यवस्था, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, कृषि एक प्राथमिक सेक्टर में किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना भी प्रस्तावित है। साथ ही साथ प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना हर ग्राम पंचायत में स्थापित की जाएगी। 


प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई


मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के नामकरण का ये अमृतकाल है ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सरकार ने ग्रीन बजट की अवधारणा को सार्थक करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई है। ग्रीन टैगिंग करने के मामले में यूपी पहला राज्य होगा। हमारी बजट प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। हमारा बजट थिंक बजट भी है। ये माताओं, बहनों, बेटियों के कल्याण पर आधारित बजट है। ये बजट प्रदेश के समग्र संकल्पनाओं को पूरा करने वाला है। 


अलग-अलग थीम पर आधारित रहा है योगी सरकार का प्रत्येक बजट


मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का ये आठवां बजट है। उनकी सरकार के पिछले सभी बजट किसी ना किसी थीम को लेकर प्रस्तुत किये गये हैं। 2017-18 का बजट जहां अन्नदाता किसानों को समर्पित था, वहीं 2018-19 का बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल विकास, 2019-20 का बजट मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण को समर्पित, 2020-21 का बजट युवा ऊर्जा को समर्पित, 2021-22 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित, 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित, 2023-24 का बजट त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास को समर्पित रहा है। वहीं 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। तुलसीदास जी के शब्दों में 'एही महं आदि मध्य अवसाना, प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना', यानी बजट की शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं। बजट के विचार और इसके संकल्प में श्रीराम हैं।

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