जानिये eKYC का इस्तेमाल कर बैंक में बचत खाता खुलवाने के फायदे

By संदीप जोरसिया | Apr 26, 2018

जब से वित्तीय सेवाओं में डिजिटाइजेशन का चलन तेजी से होने लगा है, सभी बैंक और वित्तीय संस्थाओं ने ग्राहकों का पेपरलेस बचत खाता खोलना शुरु कर दिया है। रिजर्व बैंक के द्वारा eKYC में ओटीपी से वेरीफिकेशन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पेपरलैस सेविंग्स बैंक अकाउंट खोलने की गति तेज हुई है। इससे अकाउंट खोलना ज्यादा सुविधाजनक और स्मूथ हो गया है। मतलब बैंक जाए बिना ही घर बैठे अब बैंक खाता खुलना आसान हो गया है। 

पहले बैंकों में खाता खोलना काफी कठिन कार्य होता था। बचत खाता खोलने के लिए आवेदन फॉर्म भरना पड़ता था। इसके लिए पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, पैन समेत कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती थी। बैंक जाकर फॉर्म और कागजात की फोटो कॉपी जमा कराने होते थे। वेरीफिकेशन के बाद ही बैंक अकाउंट खुलता था। सरकार के केवाइसी पॉलिसी के तहत सभी दस्तावेज जमा करने जरूरी होते थे। लेकिन अब अकाउंट खुलवाने के लिए सभी दस्तावेजों को लेकर बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं होती है। 

 

बैंकिंग सेक्टर में डिजिटाइजेशन-पेपरलेस अकाउंट ओपनिंग

 

बैंक अकाउंट खोलने की प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक ने पेपरलेस अकाउंट और डिजिटल वेरीफिकेशन (EKYC) प्रक्रिया को स्वीकृति दी है। डिजिटल वेरीफिकेशन (EKYC) के तहत फटाफट आधार कार्ड से जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है। eKYC के तहत बिना किसी परेशानी के सेविंग्स बैंक अकाउंट ऑनलाइन खुल जाते हैं। इससे न सिर्फ पैसे की बचत होती है बल्कि इसके वेरीफिकेशन के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में ज्यादा वर्क फोर्स की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

 

eKYC क्या है?

 

eKYC मतलब इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर। एक इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया के तहत ग्राहकों की निजी जानकारी ऑनलाइन ही वेरीफाई कर ली जाती है। मसलन आधार नंबर से लिंकिंग कर निजी जानकारी उपलब्ध करना, पैन नंबर लिंक रहने पर पैन का भी डिटेल बैंक के पास आ जाता है और इस तरह ऑनलाइन बैंक खाता खुल जाता है। EKYC के तहत बैंक आधार के जरिये ग्राहक के फिंगरप्रिंट को स्कैन कर उसकी सभी जानकारी बॉयोमेट्रिक वैरीफिकेशन के तहत अपलोड कर लेती है। आरबीआई और सेबी के गाइडलाइंस के तहत बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है। ग्राहक बैंकों  और वित्तीय संस्थाओं को अपनी सहमति देने के लिए बॉयोमैट्रिक और ओटीपी वैरीफिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

 

एक ताजा जानकारी यह जानकारी आ रही है कोई भी ग्राहक अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक को अपने फोन पर OTP (One Time Password) भेजने के लिए रिक्वेस्ट कर सकती है ताकि आसानी से केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाए। 

 

EKYC के तहत सेविंग अकाउंट खोलने के फायदे 

 

EKYC के तहत ऑनलाइन अकांउट जल्दी और आसानी से बिना कोई कागजी प्रक्रिया के खुल जाते हैं और इसके कई फायदे भी हैं। 

 

बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं

 

eKYC के तहत अब आपको बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ओटीपी आधारित e-KYC वैरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर कुछ ही मिनटों में अपने अकाउंट को एक्टिवेट कर सकते हैं। हालांकि बैंक अपनी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए मसलन एड्रेस प्रूफ, आई डी प्रूफ वेरीफाई करने के लिए आपके घर पर अपने प्रतिनिधि जरूर भेजते हैं। उदाहरण के लिए DBS Bank आपके पते पर वैरीफिकेशन के लिए अपने प्रतिनिधि भेजते हैं या फिर आप उनके नजदीकी CCD ब्रांच में जाकर भी वैरीफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करवा सकते हैं। 

 

ग्राहकों की सहमति पर आधारित

 

eKYC की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह ग्राहकों की सहमति पर आधारित है। आधार वैरीफिकेशन के लिए आप जब आप अपना निजी डेटा शेयर करते हैं तो यह आपकी निजी सहमति होती है। इससे आपके निजता का अधिकार (Right to Privacy) की भी सुरक्षा होती है। बैंक बिना आपके सहमति के आधार वेरीफिकेशन के लिए आपके निजी डेटा का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

 

पेपरलैस सिस्टम

 

eKYC एक पेपरलैस सिस्टम है और इसमें हमें बैंक अकाउंट खोलने के लिए बैंकों में डॉक्यूमेंट ले जाने और बैंक जाने से आजादी दिलाती है। eKYC की पूरी प्रक्रिया इको फ्रेंडली है और इसमें कहीं से भी कागज की जरूरत नहीं होती है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। पेपरलैस होने की वजह से इसमें समय की बचत तो होती ही है साथ में नॉर्मल केवाइसी में जो पैसे खर्च होते थे वो भी कम हो गए हैं। 

 

खर्चे में कमी

 

पहले जो पारंपरिक वेरीफिकेशन की प्रक्रिया में कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। इसमें बैंकों को काफी सारा ऑपरेटिंग कॉस्ट आता था। eKYC आने से बैंकों का ऑपरेटिंग कॉस्ट तो कम हो ही गया है, साथ में अब भौतिक सत्यापन में भी कम खर्च होते हैं। 

 

आईटी एक्ट के साथ अनुवर्ती होना

 

eKYC Information Technology Act of 2000 से जुड़ा हुआ है। eKYC में डेटा ट्रांसफर इनक्रिप्टेड होता है और इसमें ग्राहकों से डिजिटल सिग्नेचर लिया जाता है। इसकी कानूनी मान्यता कागजी दस्तावेज के सत्यापन के बराबर होती है।

 

ऑटोमेटेड प्रक्रिया 

 

eKYC सेवा ऑनलाइन है और पूरी तरह से ऑटोमेटेड है। इसलिए कोई भी KYC डेटा बिना किसी व्यक्ति की भौतिक उपस्थिति के उसी समय ट्रांसफर हो जाता है। पारंपरिक केवाइसी वेरीफिकेशन में कई दिन लग जाते थे। लेकिन eKYC प्रक्रिया में कुछ ही मिनट लगते हैं और बिना कोई इश्यू के यह वेरीफाई हो जाता है। 

 

रेग्युलेटर फ्रेंडली 

 

सभी eKYC आवेदनों का ऑडिट मंत्रालय और संबंधित रेग्युलेटर कर सकता है। इसके सर्विस प्रोवाइडर का एक पोर्टल है जहां रेग्युलेटर जाकर eKYC आवेदनों का ऑडिट कर सकती है। 

 

ऑनलाइन अकांउट खोलने की प्रक्रिया

 

जिन ग्राहकों को बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में अकाउंट खोलने की जरूरत होती है वो अपनी पर्सनल जानकारी वेरीफाई करा सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से KYC की प्रक्रिया में बैंक और वित्तीय संस्थाएं आपके आधार की जानकारी UIDAI के पोर्टल से चेक करते हैं और फिर आपकी पर्सनल जानकारी को वेरीफाई करते हैं। जैसे कि- आपकी तस्वीर, पूरा नाम, जेंडर, जन्म तिथि, पता और मोबाइल नंबर आदि। आप आसानी से eKYC के तहत ऑनलाइन अपना सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसकी प्रक्रिया कुछ इस तरह है। 

 

• ऑनलाइन सेविंग बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए आपको बैंक और वित्तीय संस्थाओं को अपनी पर्सनल जानकरी उपलब्ध करानी होती है। जैसे कि- नाम, पता, संपर्क नंबर आदि। 

 

•  फिर आपको अपनी निजी जानकारी को कंफर्म कराने के लिए eKYC की प्रक्रिया से गुजरना होता है। जिसके तहत आपके मोबाइल नंबर जो आपके आधार नंबर से लिंक है पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आता है। आपको इस ओटोपी को वेरीफाई करना पड़ता है। 

 

•  जैसे ही आपके मोबाइल नंबर पर जो ओटीपी नंबर आता है, वही वन टाइम पासवर्ड का नंबर आपको अपने ऑनलाइन फार्म में इंटर करना होता है। 

 

•  eKYC की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद आपके मोबाइल पर वेरीफिकेशन पूरी होने और अकाउंट सफलतापूर्वक खुलने का एक मैसेज आता है। वेरीफिकेशन पूरी हो जाने के बाद आप अपना अकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं। 

 

eKYC की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो जाने के बाद आप अपने बैंक अकाउंट में फंड जमा कर सकते हैं, फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और कहीं निवेश भी कर सकते हैं और अपने बचत पर ब्याज भी कमा सकते हैं।

 

- संदीप जोरसिया

Product Head- Liabilities - Savings and FD

प्रमुख खबरें

सरकार विपणन वर्ष 2023-24 में 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे : ISMA

Jio, Airtel, Vodafone Idea 96,317 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेंगी

Justice SK Mishra बने GST अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष, वित्त मंत्री ने दिलाई शपथ

Madhya Pradesh में कांग्रेस ने की जोरदार वापसी, भाजपा को भी क्लीन स्वीप की आस