By रेनू तिवारी | Sep 24, 2025
1 सितंबर से 22 सितंबर के बीच, कोलकाता में 178.6 मिमी बारिश हुई, जो इस अवधि के दौरान होने वाली सामान्य 213.7 मिमी बारिश से 16 प्रतिशत कम है। और कल सुबह 8.30 बजे से आज सुबह 8.30 बजे के बीच, सिटी ऑफ़ जॉय में 247.4 मिमी बारिश हुई, जिसमें से ज़्यादातर रात के कुछ घंटों में हुई। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी ये आँकड़े, वार्षिक दुर्गा पूजा से कुछ दिन पहले, आनंद के शहर कोलकाता में हुई भारी बारिश की तबाही की भयावहता को दर्शाते हैं। कोलकाता में कुछ ही घंटों में इस महीने के 22 दिनों से भी ज़्यादा बारिश हुई है। मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है और यातायात, ट्रेन और मेट्रो सेवाएँ ठप हो गई हैं।
कोलकाता में भारी बारिश के बाद बुधवार को जनजीवन पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है। सॉल्ट लेक और शहर के उत्तरी व मध्य भाग के कुछ हिस्सों में अब भी जलभराव है। कोलकाता में एक दिन पहले मूसलाधार बारिश के कारण 10 लोगों की मौत हो गयी थी और सामान्य जनजीवन ठप हो गया था। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान शहर में भारी बारिश की संभावना से इनकार किया है। हालांकि, उसने अधिकतर स्थानों पर बादल छाए रहने तथा कुछ स्थानों पर गरज एवं तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है।
कोलकाता और आसपास के निचले इलाकों से रात भर पानी निकाला गया, लेकिन बिधाननगर के निवासी अब भी बाढ़ से जूझ रहे हैं, वाहन धीमी गति से चल रहे हैं और पैदल यात्री जलमग्न गलियों से होकर गुजरने को मजबूर हैं। दुर्घटनाओं से बचने के लिए बिधाननगर नगर निगम ने मंगलवार शाम को स्ट्रीट लाइट्स बंद रखीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खराब मौसम के कारण मंगलवार को दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के अपने निर्धारित कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। वह बुधवार को पंडालों का दौरा करने के साथ ही कालीघाट में नवनिर्मित अग्निशमन केंद्र का उद्घाटन भी कर सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन त्योहारों के मौसम से पहले सामान्य जनजीवन बहाल करना प्रशासन के लिए तात्कालिक चुनौती बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि और अधिक बारिश की आशंका को देखते हुए बुधवार को कोलकाता और आसपास के जिलों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी। कोलकाता और आसपास के जिलों में सोमवार को रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से नौ की मौत करंट लगने से हुई। यह लगभग चार दशकों में सबसे भारी बारिश थी।
इससे हवाई, रेल और सड़क परिवहन ठप हो गया, शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए और राज्य सरकार को दुर्गा पूजा की छुट्टियां समय से पहले घोषित करनी पड़ीं। चौबीस घंटे से भी कम समय में 251.4 मिलीमीटर बारिश 1986 के बाद से सबसे अधिक थी और पिछले 137 वर्षों में एक दिन में हुई छठी सबसे अधिक वर्षा थी।