By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 16, 2018
नई दिल्ली। जर्मनी स्थित कंपनी, क्रेडिटेक को डिजिटल ऋण कारोबार और ऐप-आधारित वित्तपोषण के क्षेत्र में भारतीय वित्तीय इतिहास में पहली बार गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में काम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लाइसेंस दिया गया है। कंपनी ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।
क्रेडिटेक के उत्पाद भारत के लिए उपयुक्त हैं जो व्यक्तिगत प्रत्यक्ष-से-उपभोक्ता ऋण के साथ-साथ विक्रेताओं के लिए सेवा समाधान के रूप में उधार (एलएएएस) की पेशकश करेगा, जो भागीदारों को अपने ग्राहकों को खासतौर से तैयार उत्पादों की पेशकश करने की अनुमति देता है।
क्रेडिटेक के सीईओ डेविड चेन ने कहा, "अगले पांच वर्षों में राजस्व में लगभग एक हजार अरब डालर की बाजार क्षमता के साथ, भारत स्पष्ट रूप से क्रेडिटेक के लिए सबसे आशाजनक उभरता बाजार है ... हमारी स्वामित्व क्रेडिट स्कोरिंग तकनीक सेकंड में आवेदक की ऋण योग्यता का पारंपरिक क्रेडिट ब्यूरो आधारित सिस्टम की तुलना में उच्च परिशुद्धता के साथ आकलन कर सकती है।’’ क्रेडिटेक की 2012 में स्थापना हुई थी और जिसका जर्मनी के हैम्बर्ग में मुख्यालय है। क्रेडिटेक भारत, पोलैंड, रूस और स्पेन में परिचालन करती है। क्रेडिटेक का समर्थन अंतरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा किया जाता है जिसमें पे-यू, जे.सी. फ्लावर्स, वर्दे पार्टनर्स और विश्व बैंक के आईएफसी शामिल हैं।