लक्ष्य सेन ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 जीता, तानाका को हराकर 2025 का पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब हासिल

By Ankit Jaiswal | Nov 23, 2025

लक्ष्य सेन के लिए यह हफ्ता राहत और आत्मविश्वास लेकर आया है. मौजूद जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर 500 में उन्होंने जापान के खिलाड़ी युशी तानाका को 21-15, 21-11 से हराकर इस साल का अपना पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब जीत लिया है. मैच सिर्फ 38 मिनट चला और भारतीय विश्व नंबर 14 ने शुरुआत से ही नियंत्रण बनाए रखा है.


बता दें कि लक्ष्य का 2025 का सीज़न अब तक काफी चुनौतीपूर्ण रहा है, ऐसे में यह जीत उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाली साबित हुई है. गौरतलब है कि सातवीं वरीयता प्राप्त लक्ष्य पूरे फाइनल में बेहतर खिलाड़ी दिखाई दिए और उन्होंने अपनी रक्षात्मक शैली के साथ तेज़ आक्रामक खेल का भी अच्छा संतुलन बनाया है. नेट पर उनकी महीन पकड़ और लगातार बदलती रफ्तार ने उनके खेल में नई परतें जोड़ी हैं.


फाइनल की शुरुआत थोड़ी संतुलित रही, लेकिन जल्द ही लक्ष्य ने 6-3 की बढ़त बना ली. वे लंबी रैलियों में युशी को धकेलते रहे और उनके कोर्ट के कोनों पर लगातार दबाव बनाकर कई गलतियाँ निकलवाते रहे. मध्यांतर तक तीन अंकों की बढ़त कायम रही, हालांकि तानाका ने वापसी की कोशिश करते हुए फर्क 13-12 तक ला दिया. लेकिन इसके बाद लक्ष्य ने लय पकड़ी और बेहद समझदारी से रफ्तार बदलकर अंक जुटाए.


कुछ मौकों पर उन्होंने रैलियां बनाईं और फिर अचानक स्मैश कर अंक खत्म किया. जल्द ही उनके पास पांच गेम पॉइंट आए और पहला ही मौक़ा भुनाकर उन्होंने गेम अपने नाम कर लिया. दूसरा गेम भी शुरू में बराबरी पर रहा, लेकिन इस बार तानाका ने बहुत जल्दबाजी में कई अनफोर्स्ड एरर कर दिए. दूसरी ओर लक्ष्य शांत रहे और अपनी रणनीति पर टिके रहे.


वे 11-5 की मजबूत बढ़त के साथ अंतराल में पहुंचे और इसके बाद मैच एकतरफा हो गया. तानाका बार-बार शॉट मिस कर रहे थे जबकि लक्ष्य बेहद संयमित और मैच पर पूरी तरह काबू में दिखे. लक्ष्य को 10 चैंपियनशिप पॉइंट मिले और उन्होंने आराम से मैच खत्म कर खिताब अपने नाम किया है.


जीत के बाद लक्ष्य ने अपनी खास जश्न शैली में दोनों कानों पर उंगलियां लगाकर ‘शोर बंद’ करने का इशारा किया और फिर उनके कोच यू योंग-संग तथा पिता डीके सेन ने उन्हें गले लगाकर बधाई दी. बता दें कि दोनों ही उनके कठिन दौर को काफी करीब से देख चुके हैं.


उनका इस साल का विन–लॉस रिकॉर्ड अब 23-18 हो गया है और यह जीत 2022 से हर साल कम से कम एक खिताब जीतने की उनकी निरंतरता को आगे बढ़ाती है. यह उनकी जुलाई 2023 के बाद भारत से बाहर पहली जीत है, जब उन्होंने कनाडा ओपन सुपर 500 जीता था. भारत में उनका पिछला खिताब पिछले साल नवंबर में सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 में आया था, इसलिए यह जीत उनके करियर और फॉर्म दोनों के लिए अहम मानी जा रही है. खिलाड़ी और कोचिंग टीम दोनों इसे एक बड़े वापसी संकेत के रूप में देख रहे हैं.

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