जेल से 'चारा' डाल फंसे लालू, निशाने पर सोरेन सरकार

By अभिनय आकाश | Nov 27, 2020

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद राज्य में एक बार फिर राजग की सरकार बन गई। लेकिन इस चुनाव के बाद ऐसा लगने लगा कि राजद सुप्रीमो के पुत्र तेजस्वी यादव अपने पिता की छवि से बाहर निकलकर खुद को बिहार के सियासी रण में प्रस्तुत किया। लालू यादव का बीजेपी विधायक ललन पासवान के पास आया कथित फोन एक बार फिर से राज्य की राजनीति में लालू के दखल को न सिर्फ सामने लाकर खड़ा कर दिया बल्कि जेल के एक सजायाफ्ता कैदी के फोन के इस्तेमाल को लेकर झारखंड शासन व्यवस्था को भी रेखांकित किया है। 

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लालू यादव खुद चारा घोटाले में मिली सजा काटने के लिए रांची जेल में हैं तो बिहार के बीजेपी विधायक ललन पासवान को फोन किये जाने को लेकर नये सिरे से बवाल मचा हुआ है। इसे लेकर एक तरफ जहां बिहार में विजिलेंस में शिकायत दर्ज करायी गयी है, झारखंड में जेल महानिरीक्षक ने लालू यादव पर फोन करने के आरोपों की जांच के आदेश दिये हैं। ललन पासवान के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी अपने पास लालू यादव के फोन आने का दावा किया। इससे पहले वीआईपी नेता मुकेश सहनी राजद की तरफ से डिप्टी सीएम पद के ऑफर की बात कह चुके हैं। 

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लालन पासवान को दिया मंत्री बनाने का ऑफर 

एक न्यूज चैनल से बात करते हुए ललन पासवान ने कहा कि मैं खुश था कि लालू प्रसाद यादव का फोन आया है। उन्होंने शाम 6-साढ़े 6 बजे के करीब फोन किया और कहा कि स्पीकर का चुनाव है, सरकार गिराना है। तुम सेट हो जाओ। ये सब सुनकर मैं हैरान रह गया। इतना बड़ा नेता लोकतंत्र की हत्या करने के लिए कैसे कह सकते हैं, मैं यह सुनकर हैरान हो गया। मुझे यह भी हैरानी थी कि जेल में होते हुए भी लालू यादव फोन कैसे कर पा रहे हैं।

निशाने पर सोरेन सरकार

बीजेपी विधायक ललन पासवान को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कथित फोन कॉल मामले में एनडीए ने अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को घेरा है। बिहार के एनडीए नेताओं ने सवाल उठाया है कि आखिर कैसे जेल मैनुअल का उल्लंघन कर लालू फोन कर रहे हैं। इस पूरे मामले की एनडीए ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। दूसरी तरफ बीजेपी इस मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर चुकी है। पार्टी से जुड़े रत्नेश कुशवाहा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने वाले हैं।

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