Karnataka Elections 2023: कांग्रेस के टिकट पर अथानी से चुनाव मैदान में उतरे लक्ष्मण सावदी, बीजेपी को पहुंचा सकते हैं नुकसान

By अनन्या मिश्रा | Apr 21, 2023

कर्नाटक विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमालवर होते नजर आ रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस ने भाजपा को एक बड़ा झटका देने का प्रयास किया है। बीजेपी छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए लक्ष्मण सावदी अपने निर्वाचन क्षेत्र अथानी से चुनाव लड़ेंगे। लक्ष्मण सावदी भी लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और वह राज्य के लिंगायत नेता के तौर पर जाने जाते हैं। 

 

कांग्रेस को फायदा

बता दें कि कर्नाटक में बी.एस. येदियुरप्पा के बाद लक्ष्मण सावदी की सबसे प्रभावशाली लिंगायत नेताओं में गिनती होती है। अगर पिछले विधानसभा चुनावों की बात करें तो सिंदगी, कागवाड़, अथानी बसवकल्याण में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत में लक्ष्मण सावदी की भूमिका अहम रही है। वहीं जानकारों की मानें तो कांग्रेस को लक्ष्मण सावदी की मौजूदगी से कागवाड़ और अठानी में फायदा हो सकता है। क्योंकि इन क्षेत्रों में काफी हद तक बीजेपी सावदी पर ही निर्भर थी।

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यहां की सीटों पर साल 2004 के बाद कब्जा करने में मदद मिली थी। क्योंकि सावदी ने कई सहकारी संगठनों और स्थानीय निकायों पर भाजपा पार्टी की पकड़ मजबूत करने का काम किया था। ऐसे में सावदी कुलबर्गी और विजयपुरा क्षेत्र में भी एक लोकप्रिय नेता के तौर पर पहचाने जाते। सावदी की लोकप्रियता देखते हुए बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान उनको कलबुर्गी और विजयपुरा जिलों के कई निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी के तौर पर नामित किया था।


राजनीति में सावदी का कद

लक्ष्मण सावदी पश्चिम-महाराष्ट्र और उत्तर कर्नाचक में सहकारिता आंदोलन से जुड़े रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत रखा। खासतौर पर सावदी ने सांगली और कोल्हापुर जिलों में अपना गहरा प्रभाव बनाया। ऐसे में लक्ष्मण सावदी वर्तमान में कर्नाटक और आने वाले समय में महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को फाय़दा पहुंचा सकते हैं।


भाजपा को नुकसान नहीं- सीएम बोम्मई

प्रदेश के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में जाने पर दुख जताते हुए कहा कि वह वरिष्ठ नेता के इस फैसले से आहत हैं। लेकिन साथ ही सीएम बोम्मई ने यह भी कहा कि इससे बीजेपी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। सीएम ने आगे कहा कि टिकट के ज्यादा दावेदार होने के कारण सत्ताधारी दल में लक्ष्मण सावदी को टिकट नहीं मिला। वहीं जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, वह विधायक बनने के कारण पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। लेकिन जो पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता है वह बीजेपी के साथ ही। पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं के कारण चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा।


जानें सावदी ने क्यों छोड़ी बीजेपी

कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी ने कई विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को जगह दी है। टिकट न मिलने से नाराज नेता पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। भाजपा द्वारा बेलगावी में अथानी क्षेत्र से टिकट नहीं दिए जाने पर नाराज लक्ष्मण सावदी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसी के साथ ही कांग्रेस लिंगायत समुदाय का जनाधार सावदी के जरिए अपनी पार्टी की ओर करने की कोशिश में जुटी है।


भाजपा की रणनीति

भाजपा अपने विशाल जनाधार वाले नेता येदियुरप्पा को मैदान में उतारा है। वहीं येदियुरप्पा ने शेट्टार और सावदी को विश्वासघाती करार दिया है। उनका कहना है कि दोनों की नेताओं को पार्टी ने अहम पद दिए थे। वहीं सीएम बोम्मई ने कहा कि राज्य की राजनीति में लिंगायत जागरुक और समझदार है। हालांकि कांग्रेस भाजपा के लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने और उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रही हैं। 


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