विदेशों में बाजार टूटने से स्थानीय oil-oilseeds कीमतें नरम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 10, 2023

विदेशी बाजारों में खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट, ब्राजील में सोयाबीन की बंपर फसल होने के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सभी तेल-तिलहनों के भाव लड़खड़ाते नजर आये। इस गिरावट से कुछ उत्साही लोगों को खाद्य तेलों के दाम सस्ता होने की उम्मीद हो सकती है पर वास्तविकता एकदम उलट है और इस गिरावट के देश के तेल तिलहन कारोबार पर दूरगामी असर देखने को मिल सकता है। सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में मंदी है। वहीं शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 1.75 प्रतिशत टूटा था और फिलहाल यहां आधा प्रतिशत की गिरावट है।

विदेशों में आई गिरावट के कारण यहां सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल- तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों के भाव लड़खड़ाते दिखे। सूत्रों ने कहा कि कुछ उत्साही लोग इस गिरावट के कारण खाद्य तेलों के सस्ता होने की उम्मीद कर सकते हैं। बंदरगाह पर सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात के थोक दाम लगभग 84 रुपये लीटर है जबकि ‘पैकरों’ द्वारा जो अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय किया जाता है, उसके कारण खुदरा बाजार में यही दोनों तेल अब भी कहीं अधिक ऊंचे दाम पर बिक रहे हैं। सरकार के कहने पर कुछ पैकरों ने सूरजमुखी रिफाइंड के एमआरपी में कमी की है यानी 170 रुपये लीटर से घटाकर दाम 150 रुपये लीटर किया है, पर यह कमी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट को परिलक्षित नहीं करती क्योंकि एमआरपी पहले से लगभग 55 रुपये अधिक है। संभवत: यही कारण है कि खुदरा बाजार में सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के भाव अभी ऊंचे बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि सभी को मौजूदा हालात पर गौर करना चाहिये कि जब आयात शुल्क की छूट दिये जाने के कारण सरकार को राजस्व न मिले और किसानों को उनकी उपज की कम दाम मिले तो मुद्रास्फीति कम कैसे होती है ? लेकिन जब पैकर उसी खाद्य तेल को लगभग 55 रुपये लीटर अधिक दाम पर बेचें तो महंगाई नहीं बढ़ती। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पूरा तेल उद्योग और किसान बेहाल हैं इसके बारे में कौन सुध लेगा ? सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,450 रुपये क्विंटल है और आयातित तेल इतने सस्ते हैं कि कई जगहों पर किसानों को 4,700-4,800 रुपये क्विंटल पर भी सरसों के लिवाल कम ही मिल रहे हैं।

बंदरगाह पर सोयाबीन और सूरजमुखी तेल 84 रुपये लीटर (थोक भाव के हिसाब से) बैठता है और पामोलीन का भाव इससे तीन रुपये अधिक 87 रुपये लीटर के भाव बैठता है। सरकार को देखना चाहिये कि यही तेल उपभोक्ताओं को खुदरा में किस भाव से मिल रहा है। सूत्रों ने कहा कि मौजूदा स्थिति को संभाला नहीं गया तो सूरजमुखी वाला हाल कहीं बाकी तेल-तिलहनों का न हो जाये जहां सूरजमुखी की खेती पहले के मुकाबले घटकर लगभग 10 प्रतिशत की रह गई है। सरकारद्वारा समर्थन मूल्य बढ़ाने के बावजूद किसानों ने इसका उत्पादन बढ़ाने में रुचि नहीं ली। मौजूदा समय में मूंगफली का हाल सूखे मेवे जैसा हो गया है।

जिस तरह इस बार अभी तक सरसों नहीं खपा है उससे कहीं किसान आगे सरसों उत्पादन में कहीं रुचि न कम कर दें। मौजूदा स्थिति के बहुत दूरगामी परिणाम देखने का खतरा हो सकता है। सस्ते आयातित तेलों के कारण अगर स्थानीय तेल-तिलहन उद्योग बर्बाद हो जाये और उसके बाद इन्हीं आयातित तेलों के दाम बढ़ा दिये गये तो हम कुछ करने की स्थिति में नहीं रह जायेंगे। समय बीत जाने पर कोई उपाय निरर्थक साबित हो सकता है।

सूत्रों ने कहा कि अगर आयातित तेलों पर समुचित आयात शुल्क लगा होता तो सरकार काफी मात्रा में राजस्व कमा सकती थी और उसके बाद यदि सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने की पहल के रूप में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये वितरित करवाकर उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधा इसी पैसे को भेजती तो यह उपाय कहीं बेहतर साबित हो सकता था। उन्होंने कहा कि यह विरोधाभास भी देखने को मिलता है कि जब सूरजमुखी का आयात भाव 1,250 डॉलर प्रति टन था तो उसपर आयात शुल्क 38.5 प्रतिशत लागू था और अब जब इस खाद्य तेल का आयात भाव 980 डॉलर प्रति टन रह गया है तो आयात शुल्क 5.5 प्रतिशत लागू है।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 5,050-5,150 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,670-6,730 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,500 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,490-2,755 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,600-1,680 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,600-1,710 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,550 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,600 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,950 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,350 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,360-5,410 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,110-5,190 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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