लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के सभापति किसी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हो सकते: सिब्बल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 18, 2025

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणियों की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘असंवैधानिक’’ है और राज्यसभा के किसी सभापति को कभी भी इस तरह का ‘‘राजनीतिक बयान’’ देते नहीं देखा गया था।

सिब्बल ने यह भी कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच समान दूरी बनाए रखते हैं और वे ‘‘पार्टी प्रवक्ता’’ नहीं हो सकते।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी बीच में होती है। वह सदन के अध्यक्ष होते हैं, किसी एक पार्टी के अध्यक्ष नहीं। वे भी वोट नहीं करते हैं, वे केवल तब वोट करते हैं जब बराबरी होती है। उच्च सदन के साथ भी यही बात है। आप विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच समान दूरी पर हैं।’’

सिब्बल का कहना था, ‘‘आप जो कुछ भी कहते हैं वह समान दूरी बनाए रखने वाली होनी चाहिए। कोई भी वक्ता किसी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हो सकता। मैं यह नहीं कहता कि वह (धनखड़) हैं, लेकिन सैद्धांतिक रूप में कोई भी अध्यक्ष किसी भी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हो सकता। अगर ऐसा लगता है तो आसन की गरिमा कम हो जाती है।’’

राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने राष्ट्रपति के निर्णय लेने के लिए न्यायपालिका द्वारा समयसीमा निर्धारित करने और ‘सुपर संसद’ के रूप में कार्य करने को लेकर बृहस्पतिवार को सवाल उठाते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय लोकतांत्रिक ताकतों पर ‘परमाणु मिसाइल’ नहीं दाग सकता।

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