Parshuram Jayanti 2024: भगवान विष्णु के छठवें अवतार हैं भगवान परशुराम, जानिए महत्व और पूजा विधि

By अनन्या मिश्रा | May 10, 2024

हिंदू धर्म में परशुराम जयंती का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन अक्षय तृतीया का भी पर्व मनाया जाता है और यह दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है। भगवान परशुराम को श्रीहरि विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। इस साल आज यानी की 10 मई 2024 को परशुराम जयंती मनाई जा रही है।


डेट और समय

इस साल 10 मई 2024 को सुबह 04:17 मिनट पर तृतीया तिथि की शुरूआत हुई है। वहीं अगले दिन 11 मई 2024 को दोपहर 02:50 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। इस दौरान भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की जाएगी।


परशुराम जयंती का धार्मिक महत्व

हिंदूओं के बीच परशुराम जयंती एक बड़ा धार्मिक महत्व रखती है। क्योंकि वैशाख माह की तृतीया तिथि श्री परशुराम के जन्म का प्रतीक है। तृतीया तिथि के प्रदोष काल में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म पापी, अधर्मी और क्रूर राजाओं का नाश करने के लिए हुआ था। बताया जाता है कि भगवान परशुराम ने पृथ्वी से 21 बार क्षत्रियों का नाश किया था।


बता दें कि भगवान परशुराम एक ब्राह्मण थे और उनमें क्षत्रियों के गुण थे। साथ ही यह भी माना जाता है कि वह अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं, जो आज भी पृथ्वी पर हैं। भारत के पश्चिमी तट पर भगवान परशुराम के कई मंदिर हैं।


परशुराम पूजन मंत्र

ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।


ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।


ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्न: परशुराम: प्रचोदयात्।।

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