मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री बोले किसानों की आड़ में विरोधियों का आंदोलन

By दिनेश शुक्ल | Jan 22, 2021

भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानून को लेकर चल रहे किसान आंदोलन  को लेकर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यह आंदोलन किसानों की आड़ में विरोधियों का आंदोलन है। कृषि मंत्री ने बातचीत से समाधान निकालने के बजाय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े संगठनों को किसान संगठन मानने से ही इंकार कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी आग्रह किया है कि वह किसी के दवाब में आए बिना कृषि सुधार कानूनों को जारी रखें।

 

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कृषि मंत्री कमल पटेल ने शुक्रवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। आंदोलनरत किसान संगठन केवल कृषि कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं, कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने हड़ताली संगठनों के इस अड़ियल रवैये पर हैरानी जताते हुए कहा कि दरअसल यह संगठन किसानों के हैं ही नहीं, यह वो विरोधी ताकते हैं जो नहीं चाहतीं कि किसानों का भला हो। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी और आप का नाम लेते हुए कहा कि इनका कोई समर्थन नहीं है। देश के किसान कृषि कानूनों के समर्थन में केन्द्र सरकार के साथ हैं।

  

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कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों को सम्मान निधि देने की पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की जिसकी मांग खेती में नुकसान के बावजूद कभी किसान संगठनों ने नहीं की थी, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को संबल दिया तो इनमें से किसी संगठन ने आगे आकर प्रधानमंत्री का धन्यवाद नहीं किया। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि यह कैसे किसान संगठन हैं, जो किसानों का भला होते हुए भी नहीं देख पा रहे। कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं और किसानों की दशा और दिशा बदलने वाले हैं।

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