By अंकित सिंह | Jul 15, 2024
महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचक कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस साल के आखिर में वहां विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन सब के बीच अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा नेता छगन भुजबल ने सोमवार को शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उनके अगले संभावित कदम को लेकर अटकलें तेज हो गईं। आपको बता दें कि वह उन 40 विधायकों में से थे, जिन्होंने पिछले साल जुलाई में पाला बदल लिया था और 2024 में नासिक से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास चली गई।
भुजबल की नाराजगी तब और बढ़ गई जब अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बारामती से सुप्रिया सुले से आम चुनाव हारने के बाद राज्यसभा भेजा। भुजबल चाहते थे कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाए। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, भुजबल ने कहा कि वह एक मंत्री या विधायक के रूप में पवार से नहीं मिले और कोई राजनीतिक मुद्दा भी नहीं लेकर आए। एनसीपी-सपा प्रमुख के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए एनसीपी नेता ने कहा, ''आपने ओबीसी समुदाय को लेकर एक स्टैंड लिया था। आपने प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की पहल की थी। आपको जिम्मेदारी लेनी चाहिए, महाराष्ट्र में समुदायों के बीच तनाव है।”
भुजबल ने कहा कि पवार ने उनसे कहा कि वह अगले कुछ दिनों में इस मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात करेंगे। भुजबल ने शरद पवार का हवाला देते हुए कहा, ''आपके मंत्री ने मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात की, उन्होंने उन्हें क्या आश्वासन दिया? मुझें नहीं पता। आप गांव और जिले में समुदाय की स्थिति के बारे में सबसे अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए आप एक बैठक बुलाएं, हम आपके पास आएंगे। आरक्षण के मुद्दे पर क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा के लिए मैं खुद अगले एक-दो दिनों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात करूंगा। उन्होंने कहा, ''ओबीसी और मराठा समुदाय के आरक्षण मुद्दे पर तनाव को शांत किया जाना चाहिए।''