PM बनने के लिए ममता ने NRC के जरिए लोगों को बांटा: विजयवर्गीय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 04, 2018

कोलकाता। भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर उन्होंने अपना रुख बदल लिया और लोगों को बांटने के लिए एनआरसी का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं, जिससे कि वह प्रधानमंत्री बनने का अपना सपना पूरा कर सकें। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख पर एनआरसी को लेकर वोट-बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

गौरतलब है कि 30 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी किया गया था। इस मसौदे में करीब 40 लाख लोगों का नाम नहीं है, जिन्हें अवैध प्रवासी माना जा रहा है। इस मुद्दे पर देश भर में सियासत तेज हो गई है। भाजपा महासचिव व पश्चिम बंगाल के प्रभारी विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘यह शर्मनाक है कि एक मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए लोगों को बांटने की कोशिश कर रही हैं।’

संसद में 2005 की घटना का जिक्र करते हुये विजयवर्गीय ने कहा कि उस समय तृणमूल सांसद रहीं ममता बनर्जी ने बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों पर अपना रुख बदल लिया। उन्होंने कहा कि चार अगस्त, 2005 को पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों के अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर बात करने की अनुमति नहीं मिलने पर ममता बनर्जी ने स्पीकर के मंच पर कागज फेंक दिया था और लोकसभा में काफी शोर-गुल मचाया था।

विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमें आश्चर्य है कि अचानक क्या हुआ कि टीएमसी ने 13 वर्षों के भीतर अपना रुख बदल लिया। टीएमसी को इसका जवाब देना चाहिए। यह सब वोट-बैंक की राजनीति के लिए किया गया है।’ भाजपा नेता ने कहा, ‘वह (बनर्जी) एनआरसी के विरोध में समर्थन मांगने के लिए दिल्ली गई थीं, लेकिन किसी भी राजनीतिक दलों ने इस पर उनका समर्थन नहीं किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह महज एनआरसी का एक मसौदा है, लेकिन वह देश की जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही हैं।’

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