By Ankit Jaiswal | Dec 16, 2025
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार में एक अहम बदलाव देखने को मिल रहा है। बता दें कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब खेल विभाग की जिम्मेदारी स्वयं संभालने जा रही हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब मौजूदा खेल मंत्री आरूप बिस्वास ने अपने पद से हटने की इच्छा जताते हुए मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, आरूप बिस्वास ने यह कदम कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित एक हाई-प्रोफाइल फुटबॉल कार्यक्रम के बाद उठाया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी से जुड़ा आयोजन शामिल था। इस कार्यक्रम के दौरान कथित अव्यवस्था और सुरक्षा चूक को लेकर सरकार पर सवाल खड़े हुए थे।
दिन में पहले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर एक पत्र साझा किया, जिसे उन्होंने आरूप बिस्वास का इस्तीफानामा बताया। इस पत्र में बिस्वास ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि उन्हें खेल विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। आरोप है कि अव्यवस्था के चलते कई दर्शक आक्रोशित हो गए और हालात बेकाबू हो गए। इस दौरान पुलिस के साथ झड़प और स्टेडियम की कुर्सियों व अन्य ढांचों को नुकसान पहुंचने की भी खबरें सामने आई थीं।
आकलन के मुताबिक, इस तोड़फोड़ में स्टेडियम को करीब दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विपक्षी दलों ने इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार और खेल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और जवाबदेही तय करने की मांग की है।
कुणाल घोष ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खेल विभाग से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है और यह फैसला सीधे तौर पर मेसी से जुड़े कार्यक्रम में हुई कथित गड़बड़ियों से जुड़ा हुआ है।
ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने को प्रशासनिक सख्ती और राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि सरकार पर लगे आरोपों के बीच स्थिति को संभाला जा सके और आगे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।