मांडू पर्यटन: प्रेम, वास्तुकला और इतिहास की अद्भुत नगरी

By प्रीटी | Jul 24, 2025

मध्य प्रदेश के धार ज़िले में स्थित मांडू (Mandu), जिसे “मांडवगढ़” या “शादीशुदा पत्थरों का शहर” भी कहा जाता है, भारतीय पर्यटन मानचित्र पर एक अनूठा और ऐतिहासिक स्थल है। पहाड़ियों पर बसा यह नगर न केवल स्थापत्य कला और प्राचीन स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि रानी रूपमती और बाज बहादुर की अमर प्रेम कहानी के लिए भी मशहूर है। मांडू की हवाओं में इतिहास की गूंज, प्रेम की सरगम और स्थापत्य का सौंदर्य साथ-साथ बहता है।


मांडू का ऐतिहासिक परिचय

मांडू का इतिहास लगभग 6वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसका स्वर्ण युग मालवा सल्तनत (15वीं सदी) के दौरान आया। इस दौरान यहाँ कई भव्य महलों, मस्जिदों, बावड़ियों और दरवाजों का निर्माण हुआ। मांडू की भौगोलिक स्थिति— विंध्याचल की पहाड़ियों पर और नर्मदा घाटी के किनारे— इसे एक स्वाभाविक किला बनाती है।

इसे भी पढ़ें: Monsoon Destinations: मानसून में इन जगहों पर पास से महसूस कर पाएंगे प्रकृति की खूबसूरती, जरूर करें एक्सप्लोर

मांडू के प्रमुख दर्शनीय स्थल


1. जहाज़ महल

यह महल दो झीलों— कपूर तालाब और मुंज तालाब— के बीच स्थित है, जिससे यह एक जहाज़ की तरह प्रतीत होता है। इसका निर्माण 15वीं सदी में सुल्तान ग़ियासुद्दीन खिलजी ने अपनी 15,000 रानियों के लिए करवाया था। रात्रि में इसका प्रतिबिंब जल में झलकता है, जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।


2. हिंदोला महल

हिंदोला (झूला) महल अपनी झुकी हुई दीवारों के कारण प्रसिद्ध है। इसका उपयोग दरबारी सभाओं के लिए किया जाता था। इसकी स्थापत्य शैली वास्तुकला के चमत्कारों में गिनी जाती है।


3. रूपमती महल

यह वह स्थान है जहाँ से रानी रूपमती नर्मदा नदी को निहारती थीं। यह प्रेम कहानी का सबसे भावनात्मक स्थल है, जहाँ से मांडू की घाटी और नर्मदा के दर्शन होते हैं।


4. बाज बहादुर महल

यह महल मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक बाज बहादुर का निवास था। इसकी वास्तुकला में राजपूत और मुस्लिम शैलियों का संगम देखने को मिलता है।


5. जामा मस्जिद

यह मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद से प्रेरित है और मांडू के स्थापत्य वैभव को दर्शाती है। इसके विशाल प्रांगण और सुंदर मेहराबें इसकी विशेषता हैं।


6. रेवा कुंड

यह पवित्र कुंड नर्मदा नदी को समर्पित है और माना जाता है कि रूपमती इसी से जल ग्रहण करती थीं।


मांडू उत्सव

प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीने में "मांडू उत्सव" का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय लोक-संगीत, नृत्य, कला प्रदर्शन, साइकिल टूर और हॉट एयर बलून जैसी गतिविधियाँ होती हैं। यह उत्सव मांडू को जीवंत रूप देता है।


कैसे पहुँचे?

निकटतम हवाई अड्डा: इंदौर (लगभग 100 किमी)


रेलवे स्टेशन: इंदौर और रतलाम दोनों से सड़क मार्ग उपलब्ध


सड़क मार्ग: इंदौर, धार और महेश्वर से मांडू के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से मिलती हैं


ठहरने की व्यवस्था

मांडू में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटल और कुछ निजी रिसॉर्ट्स उपलब्ध हैं। प्राकृतिक सुंदरता के बीच रुकना अपने आप में एक अद्वितीय अनुभव होता है।


यात्रा का सर्वोत्तम समय

अक्टूबर से मार्च के बीच मांडू घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। खासकर मानसून के बाद (जुलाई–सितंबर) मांडू की हरियाली और झीलें इसे और भी सुंदर बना देती हैं।


मांडू केवल एक ऐतिहासिक नगर नहीं, बल्कि एक जीवित कथा है— प्रेम, कला और संस्कृति की। यहाँ की हवाएं रूपमती के सुरों को, दीवारें बाज बहादुर के प्रेम को और झीलें बीते समय की परछाइयों को संजोए हुए हैं। यदि आप एक शांत, सुंदर और ऐतिहासिक स्थल की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मांडू अवश्य आपकी सूची में होना चाहिए।


- प्रीटी

प्रमुख खबरें

भारत में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुला, संसद से नया कानून पास

Bangladesh: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में हिंसा, भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर

निफ्टी और सेंसेक्स में चार दिन बाद तेजी, वैश्विक संकेतों से बाजार को सहारा

Adani Group का बड़ा दांव: एयरपोर्ट कारोबार में पांच साल में ₹1 लाख करोड़ निवेश की योजना