मनोहर पर्रिकर और प्रमोद सावंत ने गोवा के लिए किए हैं कई ऐसे काम, जो भुलाएं नहीं जा सकते

By रेनू तिवारी | Jan 21, 2022

भारत का सबसे छोटा राज्य गोवा 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ था। इसका औपनिवेशिक अतीत शेष भारत से अलग है और इसलिए इसकी विशिष्ट पहचान और राजनीतिक वातावरण भी है। गोवा 1987 में एक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) से एक पूर्ण राज्य बनने के लिए परिवर्तित हो गया। अपने चुनावी इतिहास के पिछले छह दशकों में अस्थिरता और दलबदल से चिह्नित होने के कारण, गोवा के लोग राजनीतिक अस्थिरता और अनिश्चितता के आदी हो गए हैं जैसा कि उनके पास है तटीय राज्य की सड़कों पर किराए के दोपहिया वाहनों पर पर्यटकों के लिए गया है। इसकी राजनीति को अनिश्चित सरकारों, राष्ट्रपति शासन के अलग-अलग मंत्रों, बारी-बारी से वितरण, और स्थानांतरण संरेखण और पुन: संरेखण द्वारा परिभाषित किया गया है। गोवा में पहले से ही 16 मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिनमें से कई दो या दो से अधिक बार काम कर चुके हैं और कुछ ने मुश्किल से एक महीने या उससे भी कम समय के लिए पद संभाला है।

 

वर्तमान में राज्य में बीजेपी की सरकार होने के कारण केंद्र सरकार के साथ राज्या का अच्छा तालमेल चलता रहा है और गोवा पीएम मोदी के लिए काफी खास भी रहा हैं। ऐसे में हम आपको बताएंगे आज  गोवा सरकार उपब्धियों के बारें में विस्तार से। गोवा में किए गये अपने कार्यों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक संबोधन के दौरान जानकारी दी थी।

 

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गोवा सरकार की रिपोर्ट कार्ड

 

कोरोना वायरस की चुनौती

गोवा राज्य की इनकम का एक बहुत बड़ा हिस्सी पर्यटन से आता है, ऐसे में कोरोना वायरस के आने से पर्यटन पूरी तरह से ठप हो गया। गोवा और गोवा वासियों के लिए यह समय काफी मुश्किल रहा था। इसके साथ ही रोजगान न होने के कारण पर्यटन पर आश्रित लोग काफी परेशान हुए। गोवा सरकार के लिए इन लोगों का रोजगार उपलब्ध करवाना बड़ी चुनौती रही है। कोरोना के कारण दूसरी लहर से जिस तरह से हालात बने हुए थे ऐसे में उससे लड़ना भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती रही है। बीजेपी सरकार इस तमाम चीजों से लड़ी और एक बार फिर गोवा नये साल पर पर्यटकों से भर गया।

 

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गोवा स्टार्टअप प्लान

गोवा सर्वाधिक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद , मानव विकास सूचकांक गोवा की महानगरीय संस्कृति, प्रभावशाली बुनियादी ढांचा, गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति, सुरम्य परिदृश्य, स्वच्छ पर्यावरण और विकास उन्मुखीकरण वाला एक लोकप्रिय शहरी राज्य है। यह उद्यमियों के लिए अपने सपनों को साकार करने के लिए एक आदर्श आधार। यहां पर सरकार ने स्टार्टप करने वालों के लिए विषेश छूट भी दी हुई हैं। गोवा सरकार ने 11 नवंबर, 2021 को स्टार्ट-अप पॉलिसी 2021 को मंजूरी दे दी है। स्टार्ट-अप पॉलिसी, 2017 के तहत पंजीकृत लोगों को स्टार्ट-अप पॉलिसी, 2021 के तहत पंजीकृत होना जारी रहेगा, और सभी प्रोत्साहन आवेदन सितंबर को या उससे पहले जमा किए जाएंगे। 30, 2021, को स्टार्ट-अप नीति, 2017 के अनुसार संसाधित किया जाएगा। यह नीति आधिकारिक राजपत्र में नीति की अधिसूचना की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए प्रचालन में रहेगी।


विद्युत गतिशीलता संवर्धन नीति

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ई-वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गोवा विद्युत गतिशीलता संवर्धन नीति 2021 की शुरुआत की। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित 'इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए गोल मेज' कार्यक्रम में नीति का शुभारंभ किया। सावंत ने कहा कि नीति को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य बैटरी से चलने वाले वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना और राज्य के लोगों के लिए रोजगार पैदा करना है। नीति के तहत प्रदान किए जा रहे लाभों पर आगे बोलते हुए, उन्होंने कहा, "हम विनिर्माण पर प्रोत्साहन दे रहे हैं, गोवा में पंजीकृत ई-वाहनों के सभी वर्गों पर लागू होने वाले पांच साल तक के रोड टैक्स में छूट।" 


 टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी 2020 

गोवा कैबिनेट ने  गोवा टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी 2020 को मंजूरी दे दी थी। यह नीति राज्य में मोबाइल टावरों की स्थापना की प्रक्रिया और राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) अनुमतियों से संबंधित है, जिससे राज्य में मोबाइल कवरेज और इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है। नीति के बारे में विस्तार से बताते हुए सीएम सावंत ने कहा कि नीति के तहत एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से कंपनियों को मोबाइल टावर, केबल, फाइबर आदि स्थापित करने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है, मुख्य रूप से सरकारी भूमि में जो बिजली, स्वास्थ्य जैसे विभिन्न विभागों के अधीन हैं। 


पर्यटन को प्राथमिकता 

प्रधानमंत्री ने अपने टीकाकरण प्रयासों में पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता देने में भारत द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, हमारे पर्यटन स्थलों का खुलना जरूरी है। केंद्र सरकार ने भी हाल ही में विदेशी पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में भारत आने वाले 5 लाख पर्यटकों को नि:शुल्क वीजा देने, पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों को सरकारी गारंटी के साथ 10 लाख तक का ऋण और पंजीकृत पर्यटक गाइडों के लिए 1 लाख रुपये तक का ऋण देने का निर्णय लिया गया है।


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