भारत ही नहीं आज के बाद पूरी दुनिया मानेगी मसूद अजहर को आतंकवादी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 01, 2019

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जाएगा या नहीं इसपर संस्था की प्रतिबंध परिषद की बैठक में बुधवार को फैसला होने की संभावना है। गौरतलब है कि इस मामले में बार-बार वीटो का इस्तेमाल करने वाले चीन की तरफ से इसबार कोई व्यावधान पैदा नहीं करने के संकेत मिल रहे हैं। परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध कमेटी की यहां बैठक होने वाली है जिसमें अजहर के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में क्या फैसला हुआ यह बुधवार को सामने आएगा। बीजिंग ने मंगलवार को कहा था कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अजहर को वैश्विक अतंकवादी घोषित करने का यह विवादित मुद्दा ‘अच्छी तरह सुलझ’ जाएगा। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश प्रमुख अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था। इससे पहले जैश ने फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की यह पिछले 10 साल में चौथी कोशिश थी।

 

सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था। फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष दूसरी बार प्रस्ताव रखा। इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा।

इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था। गौरतलब है कि चीन ने मंगलवार को कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा, लेकिन उसने कोई समयसीमा नहीं बताई।

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कुछ दिन पहले यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद चीन का यह रुख सामने आया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा , ‘‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भरोसा है कि उचित तरीके से इसका समाधान निकलेगा।’’ वह इन खबरों के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे कि चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के एक ताजा प्रस्ताव पर तकनीकी रोक हटाने पर सहमति जता दी है। इस बार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मुद्दे को सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जा कर बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है।

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अजहर के मुद्दे पर विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए गेंग ने कहा, ‘‘1267 समिति में इस मुद्दे को सूचीबद्ध करने के संबंध में हमने कई बार अपना रुख स्पष्ट किया है और मैं केवल दो बिंदुओं पर जोर देना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहला तो हम 1267 समिति में संवाद और परामर्श के माध्यम से सूचीबद्ध मुद्दे के समाधान का समर्थन करते हैं और मेरा मानना है कि इसमें अधिकतर सदस्यों की आम-सहमति है। दूसरा यह कि समिति में संबंधित परामर्श चल रहा है और इसमें कुछ प्रगति हुई है। तीसरा, मेरा मानना है कि सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों के साथ इस मुद्दे को उचित तरीके से हल किया जा सकता है।’’चीन के तकनीकी पाबंदी एक मई को हटाने की खबरों पर गेंग ने कहा, ‘‘सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर चीन अब भी संबंधित दलों के साथ प्रयास कर रहा है और 1267 समिति के तहत सभी संबंधित पक्षों के साथ संपर्क में हैं। मेरा विश्वास है कि सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से उचित समाधान निकाल लिया जाएगा।’’

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