Matrubhoomi:कौन थे महर्षि सुश्रुत जिन्हें फादर ऑफ सर्जरी के नाम से जाना जाता है , बिना एक्सरे टूटी हड्डियों का कर लेते थे पता

By निधि अविनाश | Mar 30, 2022

भारत ने प्राचीन काल में मेडिकल साइंस की ऐसी खोज कर दी थी जिसके लिए आज हर एक भारतीय को गर्व महसूस होता होगा। आपको शायद यकीन न हो लेकिन 600 ईस्वी पूर्व यानी आज से करीब 2600 साल पहले से ही भारत ने वो उपलब्धियां हासिल कर ली थी जिसे आज आसान शब्दों में सर्जरी कहा जाता है। सुश्रुत जिन्हें फादर ऑफ सर्जरी के नाम से जाना जाता है मेडिकल और सर्जरी पर दुनिया के सबसे पुराने सर्जन थे और यह 125 तरह के उपकरणों का इस्तेमाल कर सर्जरी करते थे।सुश्रुत काशी के प्राचीन शहर में रहते थे, जिसे अब भारत के उत्तरी भाग में वाराणसी या बनारस के नाम से जाना जाता है।अपनी तकनीकों और प्राचीन भारत में सर्जरी के बारे में सुश्रुत एक प्रभावशाली ग्रंथ सुश्रुत संहिता या संग्रह के लिए जाने जाते हैं।

इसे भी पढ़ें: Matrubhoomi: बॉलीवुड की पहली बोलती फिल्म जो 84 साल पहले बनाई गई, भारतीय सिनेमा जगत को मिली थी बड़ी सफलता

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन सुश्रुत ने 300 तरह की ऑपरेशन प्रक्रियाओं की खोज की थी। वह इतने अच्छे सर्जन थे कि कॉस्मेटिक सर्जरी, सिजेरियन डिलीवरी से लेकर आंखों तक के जटिल ऑपरेशन कर लेते थे। इन ऑपरेशनों से पहले सर्जरी के उपकरणों को बैक्टीरिया मुक्त करने के लिए उस समय के दौरान आधुनिक युग के सैनिटाइज का इस्तेमाल किया जाता था।  शल्य चिकित्सा जिसे ऑपरेशन कहा जाता है, इससे मरीजो को पहले एनिस्थिसिया देकर बेहोश किया जाता था और फिर ऑपरेशन की प्रक्रीया को पूरा किया जाता था। इससे मरीजों को दर्द को पता नहीं चलता था। उस समय के दौरान ऑपरेशन को लेकर कई अलग-अलग मेडिकल उपकरण भी तैयार किए जाते थे। प्राचीन काल के चिकित्सा ग्रंथ में 74 ऐसे सर्जिकल उपकरणों का वर्णन किया गया है जिसमें छुरी, संडसियां, चिमटियां शामिल हैं।

इसे भी पढ़ें: Matrubhoomi: कौन हैं Father Of Fiber Optics ? इस शख्स के कारण दूरसंचार उद्योग में आ गयी थी क्रांति

आज के युग की बात करें तो शरीर के अगल-अलग अंगों के ऑपरेशन के लिए अब कई अलग-अलग डॉक्टर हैं लेकिन 2600 साल पहले मेडिकल साइंस के आदि पुरुष सुश्रुत प्लास्टिक सर्जरी भी करते थे जिन्हें फादर ऑफ प्लास्टिक सर्जरी भी कहा जाता था। सुश्रुत आंखों से लेकर शरीर की भी प्लास्टिक सर्जरी करते थे। सुश्रुत बिना एक्सरे के यह पता लगा लेते थे कि, शरीस के कौन से हिस्से की हड्डियां टूटी है और अपना अंदाजा लगाकर ऑपरेशन के जरिए उसे शानदार ढंग से जोड़ भी देते थे। बता दें कि, सर्जरी के प्राचीन महारथी सुश्रुत ने सुश्रुत संहिता नाम का अमर ग्रंथ भी लिखा है जिसमें सर्जरी को लेकर कई तरकीबें और खोज लिखी गई थी। 

प्रमुख खबरें

40 साल में सबसे बुरा प्रदर्शन, स्थानीय चुनाव के बाद क्या अब ऋषि सुनक की आगे की राह हो जाएगी और मुश्किल?

इंग्लैंड, बांग्लादेश , दक्षिण अफ्रीका में अगस्त 2024 से जनवरी 2025 के बीच टेस्ट खेलेगा पाकिस्तान

राजस्थान के राजसमंद में विदेशी नागरिक की मकान की बालकनी से गिरकर मौत

Mumbai में NCB ने किया अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार