By अभिनय आकाश | Dec 17, 2024
कहावत है बगल में छुरी और मुंह में राम राम, ये चीन पर एकदम मुफैद बैठती है। एलएसी पर तनाव के बावजूद बातचीत के रास्ते खुले हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है किआखिरकार भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल चीन क्यों जा रहे हैं। अजित डोभाल भारत-चीन विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में भाग लेने के लिए 17 दिसंबर को चीन पहुंच गए हैं। डोभाल चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगे। ये दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि ये पहला मौका है जब पांच साल बाद कोई सीनियर भारतीय अधिकारी चीन के दौरे पर है। दोनों देशों के बीच एलएसी पर लंबे समय से तनाव बना हुआ है। 2019 के बाद ये सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। इससे पहले अगस्त 2019 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन का दौरा किया था। लेकिन उसके बाद से गलवान हिंसा ने रिश्तों में कड़वाहट घोल दी थी।
इससे पहले 12 सितंबर को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में अजित डोभाल और वांग यी की मुलाकात हुई थी। माना जा रहा है कि इसी मुलाकात के दौरान अक्टूबर में एलएसी पर हुए डिसइंगेजमेंट का फ्रेमवर्क तैयार किया गया था। अजित डोभाल जब अपने मिशन पर निकलते हैं तो कामयाबी के साथ ही लौटते हैं। इसी वजह से उनकी बीजिंग यात्रा को लेकर बहुत सारे सवाल पूछे जा रहे हैं। बीजिंग में डोभाल का मकसद क्या होगा? महत्वपूर्ण वार्ता से पहले, चीन ने कहा कि वह 24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस के कज़ान में अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई आम समझ के आधार पर प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान एसआर वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि हमारे दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण आम समझ को पूरा करने, बातचीत और संचार के माध्यम से आपसी विश्वास और आपसी विश्वास को बढ़ाने, हमारी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास पर वापस लाने के लिए बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जैसा कि 23 अक्टूबर को कज़ान में दोनों नेताओं की बैठक के दौरान सहमति हुई थी, दोनों एसआर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे और एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशेंगे। सीमा प्रश्न पीएम मोदी-शी की बैठक के बाद, जो पांच साल बाद उनकी पहली मुलाकात थी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष ने ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की, जिसके बाद चीन-भारत पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की बैठक हुई। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ और उसके बाद उसी साल जून में गलवान घाटी में एक घातक झड़प हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया। व्यापार को छोड़कर, दोनों देशों के बीच संबंध लगभग ठप हो गए।
Hindi me international news के लिए जुड़ें प्रभासाक्षी से