By अंकित सिंह | Dec 01, 2025
प्रभासाक्षी के साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह हमने देश की जीडीपी में हुए ग्रोथ पर चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। जुलाई-सितंबर 2025 में भारत की वृद्धि व्यापक रूप से अपेक्षित गति से हुई, क्योंकि उपभोग और विनिर्माण में वृद्धि ने विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर दिया। जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2% रही, जबकि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में यह 7.8% और एक साल पहले इसी अवधि में 5.4% थी। रॉयटर्स द्वारा सर्वेक्षण किए गए अर्थशास्त्रियों ने जीडीपी वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान लगाया था, जबकि एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह आँकड़ा 7.5% बताया गया था। ब्लूमबर्ग ने यह आँकड़ा 7.4% रहने का अनुमान लगाया था।
जीडीपी पर अपनी बात रखते हुए प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जिस भारतीय अर्थव्यवस्था को डोनाल्ड ट्रंप डेड इकोनामिक कह रहे थे, आज पूरी दुनिया उस पर हैरान हो रही है। जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल मचल हुआ है, भारत लगातार तरक्की करता हुआ दिखाई दे रहा है जो अपने आप में भारत की ताकत को दिखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही राहुल गांधी हमारे देश के विपक्ष के नेता है लेकिन उन्हें अपने देश पर नहीं बल्कि डोनाल्ड ट्रंप की बातों पर विश्वास हो रहा था। वह भी डेट इकोनामी वाली बात कह रहे थे। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिखा दिया कि आज उस पर पूरी दुनिया की नजर क्यों है ।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने दावा किया कि यह आंकड़े सिर्फ दूसरी तिमाही के हैं। अभी तीसरी तिमाही के जब आंकड़े आएंगे। तो हो सकता है, वह और भी चौंकाने वाले होंगे। जीडीपी के जो आंकड़े आए हैं, उसमें जीएसटी उत्सव के सिर्फ 8 दिन ही जुड़े हैं। लेकिन जो दिवाली के आसपास हमारे देश में खरीदारी हुई है, उससे जीडीपी में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है। नीरज दुबे ने कहा कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर की जो आर्थिक रिपोर्ट है, वह जनवरी में आएगी और जनवरी में भी हम भारतीय अर्थव्यवस्था को इस रफ्तार से बढ़ते हुए देख सकते हैं।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे ने कहा कि भले ही अमेरिका ने भारत पर बड़ा टैरिफ लगा दिया हो लेकिन भारत में कई बड़े सुधार किए गए हैं। चीजें सस्ती हुई है। लोगों को सामान खरीदने में सहूलियत मिली है जिसका नतीजा हम सब देख रहे हैं। उद्योग जगत भी लगातार निवेश कर रहा है जिससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। जो महंगाई है वह भी एक सीमित मात्रा में है। जबकि पूरी दुनिया महंगाई से त्रस्त नजर आ रही है। भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत अंतिम बार कब बढ़ी है, शायद फिलहाल किसी को याद ना हो। लेकिन दुनिया के बाजार में इसको लेकर लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस के समय में देश की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी जो अब चौथे नंबर पर है। तीसरे नंबर की ओर हम बढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर विपक्ष को देश की तरक्की दिखाई नहीं दे रहा है तो उसमें कोई क्या कहा जा सकता है लेकिन आज देश हर मामले में तरक्की करता हुआ दिखाई दे रहा है।