मोदी सरकार कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नहीं छोड़ रही कोई कसर: अमित शाह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 17, 2020

नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार देश में कोरोना वायरस के फैलने के कारण उत्पन्न संकट से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तथा आरबीआई के कदमों से किसानों, मध्यम एवं लघु उद्यमों एवं मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी। अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने संबंधी रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) के कदमों पर टिप्पणी करते हुए शाह ने कहा कि ऐसे कदमों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच की पुष्टि होती है। गृह मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मोदी सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई और लोगों को कम से कम असुविधा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, साथ ही आने वाले दिनों में मजबूत एवं स्थिर भारत की योजना बना रही है।’’ 

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शाह ने कहा कि आरबीआई का नाबार्ड को रिण सुविधा देने तथा सिडबी को 15 हजार करोड़ रूपये देने के निर्णय से किसानों का काफी मदद मिलेगी, साथ ही मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम (एमएसएमई) को जरूरी वित्तीय स्थिरता तथा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि नेशनल हाउंसिंग बैंक (एनएचबी) को 10 हजार करोड़ रूपये देने तथा नकदी प्रवाह संबंधी कदम के साथ बैंकों एवं गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों के लिये उठाये गए कदमों से भी मदद मिलेगी। शाह ने कहा, ‘‘आरबीआई द्वारा आज उठाये गए कदमों से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि की पुष्टि करता है।’’ 

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गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते रिजर्व बैंक आर्थिक हालात पर लगातार नजर रखे हुये है और वह आर्थिक तंत्र में पर्याप्त नकदी बनाये रखने के लिये हर संभव कदम उठायेगा। केन्द्रीय बैंक ने इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर उसे 3.75 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुये उनके लिये अग्रिम की सुविधा को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। केंद्रीय बैंक लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के जरिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायेगा। यह काम किस्तों में किया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के पुन: वित्त पोषणा के लिए 50,000 करोड़ रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की। 

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