By अंकित सिंह | Feb 11, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड में हैं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में उन्होंने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि मतदाता कभी अच्छे कामों को भूलते नहीं हैं, अच्छे इरादों को भूलते नहीं हैं और कभी भी नेक नियत वालों का साथ छोड़ते नहीं हैं। इस चुनाव को भाजपा से ज्यादा जनता-जर्नादन लड़ रही है। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में की पहले चरण के मतदान में भी भाजपा के लिए जबरदस्त उत्साह का वातावरण रहा। कल का मतदान, लोगों का उत्साह, लोगों की एकजुटता से पता लगता है कि भाजपा सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ने वाली है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग ये बात जानते हैं कि, भाजपा सरकार ही इस दशक को उत्तराखंड का उज्ज्वल दशक बना सकती है। इसलिए, एक बार फिर डबल इंजन की सरकार, उत्तराखंड में आना तय है।
मोदी ने कहा कि अब उत्तराखंड विकास के शिखर की तरफ बढ़ चला है, उत्तराखंड को एक नई पहचान मिल रही है। भाजपा ने अपना जो संकल्प पत्र जारी किया है, वो भी विकास की नई ऊर्जा से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का संकल्प लेकर काम कर रही है। लेकिन हमारा विरोध करने वालों का फॉर्मूला है- ‘सबमें डालो फूट, मिलकर करो लूट’! पूरे देश में कांग्रेस की नीति रही है- सबमें डालो फूट, मिलकर करो लूट’। प्रधानमंत्री ने कहा कि विरोधियों ने हमेशा कुमाऊं और गढ़वाल की लड़ाई कराने की कोशिश की, ताकि ये दोनों जगह को लूट सकें। जबकि डबल इंडन की सरकार ने दोनों जगह के लिए डबल काम करने की कोशिश की है। हमारे लिए पूरा उत्तराखंड देवभूमि है।
मोदी ने कहा कि मैं यहां के हर इलाके से परिचित हूं। आपकी ताकत को, आपके सामर्थ्य को, आपकी नेक नीयत, आपकी ईमानदारी, आपकी देशभक्ति को मैं भली-भांति जानता हूं। ये दशक उत्तराखंड का दशक है। मेरे लिए उत्तराखंड का विकास सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हमने इस बार के बजट में उत्तराखंड का विशेष ध्यान रखते हुए एक योजना बनाई है, पवर्तमाला परियोजना। हिंदुस्तान में पहली बार पवर्तमाला परियोजना की कल्पना आई और किसी को और योजना बनकर आपके सामने आया है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव, तहसील, जिलों को अनदेखा किया गया। भाजपा सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्र के विकास के लिए योजना बनाई है। इन सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए हमने 'वाइब्रेंट विलेज' योजना बनाई है। कुमाऊं को तो वैसे भी मंदिरों का स्थान कहते हैं। अल्मोड़ा के कटारमल सूर्य मंदिर पर अगर ध्यान दिया गया होता, तो ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर की तरह यहां भी देश-विदेश से पर्यटक आते। हमने कटारमल सूर्य मंदिर को उसकी पहचान देने का संकल्प लिया है।