By नीरज कुमार दुबे | Nov 03, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार अभियान ने सोमवार को चरम पकड़ लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन पर तीखे हमले बोले, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी दोनों को कटघरे में खड़ा किया। सहरसा की सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने राजद-कांग्रेस पर ‘विनाश की पहचान’ का ठप्पा लगाते हुए कहा कि “राजग विकास की प्रतीक है, जबकि राजद और कांग्रेस जंगलराज के पर्याय हैं।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि “पहली बार वोट देने वाले बिहार के उज्ज्वल भविष्य के लिए मतदान करें।” मोदी ने महिला सशक्तिकरण, रोजगार और बाढ़ समाधान की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि “यह रफ्तार रुकनी नहीं चाहिए।”
वहीं दरभंगा में योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव को “इंडी गठबंधन के तीन बंदर” बताते हुए कहा कि “ये लोग राजग के कामों को न देख सकते हैं, न सुन सकते हैं, न बोल सकते हैं।” योगी ने वादा किया कि राजग सरकार बनने पर “घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा जाएगा” और राज्य को “राम-जानकी मार्ग” से अयोध्या से जोड़ा जाएगा।
उधर, सीतामढ़ी में अमित शाह ने दावा किया कि “14 नवंबर दोपहर एक बजे तक राजद का बिहार से सफाया हो जाएगा।” उन्होंने मिथिलांचल के विकास के लिए 11,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि राजग “हर जिले में मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक पार्क और रक्षा गलियारा” बनाएगा।
दूसरी ओर, वैशाली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार करते हुए नीतीश कुमार को “कुर्सी के लालच में समाजवाद भूलने वाला नेता” बताया। उन्होंने कहा, “नीतीश मोदी की गोद में बैठे हैं, पर मोदी उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाएंगे।”
देखा जाये तो बिहार की राजनीति में पहले चरण के प्रचार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है— यह चुनाव विकास बनाम विनाश, सुशासन बनाम जंगलराज की सीधी टक्कर बन गया है।