ज्यादातर edible oil तिलहन के भाव टूटे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 14, 2023

दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिचार को ज्यादातर तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख रहा। सरसों तिलहन, मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन तिलहन तथा सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर तेल और बिनौला तेल के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। दूसरी ओर सस्ते आयातित तेलों की वजह से कमजोर मांग के बीच सरसों तेल, सोयाबीन डीगम तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल की कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक के छह महीनों में देश में खाद्यतेलों का आयात 67.07 लाख टन था।

यह आंकड़ा नवंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक रिकॉर्ड बढ़त के साथ लगभग 81.1 लाख टन हो गया। इसकी मुख्य वजह, सूरजमुखी तेल के दाम में भारी गिरावट आना है। दूसरी ओर सूरजमुखी तेल से महंगा होने की वजह से मांग कमजोर रहने के कारण कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल का आयात अप्रैल में अपने पिछले महीने के मुकाबले लगभग 31 प्रतिशत घटा है। आगे इस तेल में और गिरावट संभव है। सबसे सस्ता खाद्यतेल होने के कारण मार्च 2023 के मुकाबले अप्रैल में सूरजमुखी तेल (सॉफ्ट आयल) का आयात लगभग 68 प्रतिशत बढ़ा है। यह आयात ऐसे समय बढ़ा जब देश में सरसों की फसल तैयार हो गयी थी। सूत्रों ने कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से कहा कि सरकारी खरीद के प्रयासों के बावजूद जिस तरह इस बार सरसों की फसल नहीं खपी है और किसानों के साथ साथ देश का तेल उद्योग हैरान परेशान है।

संभवत: इसी कारण, इस बार गर्मी में बोई जाने वाली तिलहन फसल की खेती का रकबा पिछले साल के गर्मी में बोई गई तिलहन के 10.85 लाख हेक्टेयर के रकबे के मुकाबले इस बार घटकर 9.96 लाख हेक्टेयर रह गया। मस्टर्ड आयल प्रोसिसिंग एसोसिएशन (मोपा) के संयुक्त सचिव अनिल छतर ने कहा कि उन्होंने बार बार सरकार से सरसों किसानों की बेहाली की बात उठायी है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे भाव पर सरसों बेचना पड़ रहा है। उन्होंने यह कहा कि लगभग 40 प्रतिशत सरसों तेल पेराई मिलें बंद हो चुकी है। सस्ते आयातित तेलों की वजह से देशी तिलहनों के नहीं खपने की सरकार से शिकायत दर्ज कराते हुए छतर ने आयातित खाद्यतेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने की भी मांग कई बार की है।

शनिचार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 4,915-5,015 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,640-6,700 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,460 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,475-2,740 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 9,250 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,585-1,665 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,585-1,695 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,240 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,130 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,200 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,325-5,375 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,075-5,155 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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