जब तुमने पहली बार मुझे गोद में लिया होगा तो कितना सुकून मिला होगा माँ

By रम्या सिंह | May 12, 2018

बीते कुछ सालों में भारत में 'मदर्स डे' मनाने का प्रचलन काफी बढ़ा है। यह पश्चिम की नकल और बाजार के स्वार्थ का नतीजा है जो हर रिश्ते को भुनाना चाहता है लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि इसने हमारे सोए हुए रिश्तों को जगाया भी है। फादर्स डे को ही लें, बच्चे और युवा पहले कहां पिता की भावनाओं के बारे में सोचते थे। अमेरिकी महिला अन्ना जारविस ने मदर्स डे की शुरूआत की थी। वह मां के त्याग, प्यार और बलिदान को उस दिन धन्यवाद देना चाहती थीं। लेकिन मां की तपस्या और त्याग के आगे धन्यवाद शब्द बेहद छोटा है। मां के लिए सिर्फ एक दिन तय करना अन्याय होगा पर भागदौड़ की जिंदगी में एक दिन भी हम सुकून से अपनी मां से बात कर सकें, उनकी खुशियों का ख्याल रख सकें या उनके लिए कुछ ऐसा कर सकें जिससे उन्हें लगे कि हम उनकी भावनाओं का महत्व समझते हैं, तो उसकी मेहनत सार्थक हो जाएगी।

 

मैं जानती हूं....

 

मैं जानती हूं तुम खुश हुई होंगी जब तुम्हें मेरे होने का पहली बार अहसास हुआ होगा। माँ मैं जानती हूं कि तुम्हें 9 महीने की तकलीफ के बाद मेरी पहली आवाज सुन कर राहत मिली होगी। मैं जानती हूं माँ जब तुमने मुझे पहली बार गोद में लिया होगा तब तुम्हारी आंखें नम थीं और मेरा चेहरा देखकर तुम्हें सुकून मिला होगा। मैं जानती हूं मैंने आपकी रातों की नींद खराब की होगी लेकिन तुमने मुझे प्यार से सहला कर अपने सीने से लगा कर सुलाया होगा। मैं जानती हूँ आपकी हर एक भावना को क्योंकि आज मैं भी एक माँ हूं।

 

आज मदर्स डे है। आज आपका दिन है सिर्फ आपका क्योंकि बाकी 364 दिन और रात आप सब का दिन बनाने में जुटी रहती हो। यह और कोई नहीं कर सकता है सिर्फ एक माँ ही कर सकती है। आज मैं मदर्स 'डे' नहीं बल्कि अपने पास आपके ममतामयी आंचल होने का जश्न मनाना चाहती हूँ। (मां) को सेलिब्रेट करना चाहती हूं। धन्यवाद माँ। उस हर एक दिन और रात के लिए जो आपने मेरी लिए जाग कर दुआ करके गुजारी। हर बार पढ़ाई, खेल और सब चीजों में मुझे प्रोत्साहित करने के लिए, मेरी हर समस्या और शंका को हर बार आराम से सुनकर कभी प्यार से, कभी डांट के हमेशा उन चीजों को आपने दूर किया।

 

आज मदर्स डे है लेकिन सच तो यह है कि यह एक एहसास दिलाने का दिन है कि हर दिन ही मदर्स डे है क्योंकि माँ के बिना कोई डे हो नहीं सकता। जिंदगी में आपने मेरे लिए लक्ष्य निर्धारित किये, नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी, सिद्धांतवादी बनना सिखाया और अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा दी। आज मैं जो हूँ वो आपकी वजह से हूँ। मैं आशा करती हूं कि आपकी ही तरह मैं भी अपने बच्चे को प्रोत्साहित करूंगी और जो लक्ष्य व नैतिक मूल्य आपने मुझे दिये वह मैं अपने बच्चे को दूँगी और उसे एक सफल इंसान बनने के लिए प्रेरित करूँगी।

 

धन्यवाद मां, हैपी मदर्स डे मां...

 

-रम्या सिंह

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