मेरी जान को खतरा है..., राहुल गांधी ने पुणे कोर्ट में क्यों डाली अर्जी, महात्मा गांधी की भी हत्या का है जिक्र

By अंकित सिंह | Aug 13, 2025

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कुछ भाजपा सांसदों ने उन्हें धमकी दी है कि 2022 में 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए उनका भी वही हश्र होगा जो उनकी दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हुआ था। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की एक अदालत को सूचित किया कि उनके हालिया राजनीतिक संघर्षों और उनके खिलाफ मानहानि के मामले में शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर के वंश को देखते हुए उन्हें जान का खतरा है।

 

इसे भी पढ़ें: Bihar: 17 अगस्त से शुरू होगी राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा, तीन चरणों में 30 जिलों को करेंगे कवर


बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने मानहानि के एक मामले की सुनवाई कर रही विशेष सांसद/विधायक अदालत से आग्रह किया कि वह उनकी सुरक्षा और मामले की निष्पक्षता को लेकर उनके द्वारा व्यक्त की गई गंभीर आशंकाओं का न्यायिक संज्ञान ले। सत्यकी सावरकर ने एलओपी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जब उन्होंने मार्च 2023 में लंदन में एक भाषण दिया था। इस भाषण में सावरकर के लेखों में एक घटना का ज़िक्र था जिसमें सावरकर और अन्य लोगों ने कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया था और इसे "सुखद" पाया था।

 

इसे भी पढ़ें: यंत्र से तंत्र तक, नए Question Paper के साथ सामने आए राहुल, क्या सच में आपका वोट चोरी हो रहा है?


कांग्रेस नेता की ओर से पुणे की अदालत में अर्जी दाखिल करने वाले वकील मिलिंद पवार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भाजपा नेता आरएन बिट्टू ने राहुल गांधी को आतंकवादी कहा है। उन्होंने कथित तौर पर यह भी बताया कि भाजपा नेता तरविंदर मारवाह ने भी राहुल गांधी को खुली धमकी देते हुए कहा था कि उन्हें "अच्छा व्यवहार करना चाहिए, वरना उनकी दादी जैसी ही हालत हो सकती है।" गांधी के आवेदन में आगे लिखा है, "शिकायतकर्ता ने स्वयं महात्मा गांधी के हत्यारों के सहयोगियों से अपनी वंशावली का दावा किया है। इस वंश से जुड़े गंभीर इतिहास को देखते हुए, बचाव पक्ष को वास्तविक और उचित आशंका है कि इतिहास को खुद को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि शिकायतकर्ता के वैचारिक पूर्वजों द्वारा अपनाई गई हिंदुत्व की विचारधारा ने कई मामलों में असंवैधानिक तरीकों से राजनीतिक सत्ता हासिल की है।" 

 

सत्यकी सावरकर ने सावरकर की प्रकाशित रचनाओं में इस तरह के विवरण के अस्तित्व पर विवाद किया और अदालत का रुख करते हुए तर्क दिया कि ये टिप्पणियाँ झूठी, भ्रामक और मानहानिकारक थीं। उन्होंने गांधी को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी ठहराए जाने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की है। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी।

प्रमुख खबरें

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी

पश्चिम बंगाल में परिवर्तन की हुंकार, PM Modi 20 दिसंबर को राणाघाट में करेंगे चुनावी शंखनाद