By सूर्य मिश्रा | Nov 17, 2022
साधारण लोग मिर्गी की बीमारी को कभी ना ठीक होने वाली बीमारी के रूप में जानते है जानकारी के मुताबिक पूरी दुनिया में लगभग 50 लाख से ज्यादा लोग मिर्गी रोग के शिकार है जिनमें अकेले हमारे देश में लगभग 10 लाख से ज्यादा लोग मिर्गी रोग से ग्रसित है लोगों में मिर्गी की बीमारी को लेकर बहुत से अंधविश्वास है जैसे मिर्गी की बीमारी को झाड़ फूँक और तंत्र-मंत्र से ठीक किया जा सकता है एक कन्फ्यूजन यह भी है कि मिर्गी छुआछूत की बीमारी है।
मिर्गी क्या है
मिर्गी एक क्रोनिक बीमारी है जो हमारे माइंड से रिलेटेड होती है जिसमें व्यक्ति के माइंड सेल्स में कुछ असामान्य रिएक्सन होते है जिसकी वजह से व्यक्ति को दौरे आते है शरीर में जकड़न होती है। अवेयरनेस की कमी से अधिकांश मरीजों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता गांवों में तो आज भी झाड़ फूँक से ही इसका इलाज किया जाता है मिर्गी की बीमारी को लेकर फैले इन्ही अंधविश्वासों को दूर करने के लिए हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है कई तरह के कार्यक्रम विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से किए जाते है नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाता है।
शिविर लगा कर भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है इन शिविर के माध्यम से लोगों को मिर्गी के सही ट्रीटमेंट की जानकारी दी जाती है जरूरी दवाइयाँ दी जाती है मिर्गी की बीमारी में कौन-कौन सी सावधनियाँ रखनी चाहियें यह भी बताया जाता है।
क्यों होती है मिर्गी की बीमारी
मिर्गी जन्मजात बीमारी होती है लेकिन अलग-अलग उम्र के लोगों को भी यह बीमारी अपनी गिरफ्त में ले सकती है अगर किसी को जन्म के समय ही दिमाग में किसी तरह का संक्रमण हो तो उसको मिर्गी की बीमारी हो सकती है। सिर में चोट लगने से भी मिर्गी की बीमारी हो सकती है। कुछ लोगों में यह बीमारी ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी देखी जाती है। लंबे समय तक तेज बुखार भी मिर्गी का कारण हो सकता है।
मिर्गी की बीमारी लाइलाज नहीं है इस बीमारी को एंटीसीजर मेडीसीन्स की मदद से ठीक किया जा सकता है रेग्युलेरली दवाइयाँ लेने से आप इस बीमारी को पूरी तरह से दूर भगा सकते है। अगर आप दो वर्षों तक रेग्युलेरली दवाएं लेते है तो आपको मिर्गी की बीमारी से पूरी तरह से राहत मिल सकती है पूरी तरह ठीक होने पर इलाज बंद कर सकते हैं।