By अनन्या मिश्रा | Jan 24, 2025
हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। यह दिन लड़कियों के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस का दिन हमें यह याद दिलाता है कि समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और लड़कियों को समान अवसर देने के लिए हम सभी को एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए। राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर लड़कियों की शिक्षा, अधिकार, स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति जागरुकता फैलाई जाती है। तो आइए जानते हैं इन दिन को मनाए जाने के उद्देश्य, महत्व और थीम के बारे में...
इतिहास
साल 2008 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने की शुरुआत की थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इसको लॉन्च किया गया था। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य समाज में लड़कियों के प्रति हो रहे भेदभाव को समाप्त करना और उनको समान अधिकार व अवसर प्रदान करना है।
क्यों मनाते हैं बालिका दिवस
इस दिन को मनाए जाने की वजह इंदिरा गांधी से संबंधित है। दरअसल देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी 1966 को पीएम पद की शपथ ग्रहण की थी। इस दिन एक बेटी देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुई थी। इस कारण यह दिन बेटियों के नाम समर्पित करते हुए हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
थीम
बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम हर साल महिला और बाल विकास मंत्रालय तय करती है। इस बार यानी की साल 2025 की थीम 'सुनहरे भविष्य के लिए बच्चियों का सशक्तीकरण' रखा गया है।
उद्देश्य
लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
लड़कियों की शिक्षा के महत्व को रेखांकित करना।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकना।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों को प्रोत्साहित करना।
ने की दिशा में काम करना।
यह दिन समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
सरकार की योजनाओं को जैसे, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और बालिका शिक्षा अभियान को प्रचारित करना।