By अनन्या मिश्रा | May 11, 2025
हर साल भारत में 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस यानी की नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाया जाता है। नेशनल टेक्नोलॉजी डे देश के वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को चिह्नित करने का काम करता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस देश भर के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और इनोवेटर्स को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जिन्होंने राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दिया था। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और उद्देश्य के बारे में...
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास
भारत ने 11 मई 1998 को पोखरण में सफल परमाणु टेस्ट किया था। इस टेस्ट ने भारत को परमाणु सक्षम राष्ट्र बना दिया और इस कदम से देश की साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिला। इन टेस्ट के महत्व को चिह्नित करने के लिए भारत सरकार ने 11 मई को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाए जाने का फैसला किया। इस दिन न्यूक्लियल टेस्ट का कोड नेम शक्ति- न्यूक्लियर मिसाइल था। जिसका लीड देश के तत्कालीन राष्ट्रपति और एरोस्पेस इंजीनियर डॉ कलाम ने किया था। इस दौरान भारत ने दो न्यूक्लियर हथियारों का टेस्ट किया था।
जानिए कैसे हुई शुरुआत
पश्चिमी देशों में खासतौर पर अमेरिका से भारत को सहयोग न मिलने पर साल 1962 में परमाणु ऊर्जा संयत्र के लिए और टेक्नोलॉजी का विकास करने के लिए डॉ भाभा से कहा गया। लेकिन डॉ भाभा की मृत्यु के बाद यह जिम्मेदारी राजा रमन्ना ने ली। साल 1967 और 1969 तक भारत ने प्लूटोनियम रिएक्टर पर काम काम करना शुरूकर दिया। इस दौरान करीब 75 साइंटिस्ट की सहायता से परमाणु टेस्ट की शुरूआत हुई। जिसमें राजा रमन्ना और विक्रम साराभाई जैसे कई बड़े साइंटिस्ट शामिल थे।
न्यूक्लियर क्लब में भारत की एंट्री
बता दें कि भारत का पहला न्यूक्लियर टेस्ट पोखरण-I का हिस्सा था। जिसका पहला टेस्ट साल 1974 में किया गया था। इसको स्माइलिंग बुद्धा के नाम से जाना जाता है। पोखरण -II की सफलता के बाद पीएम अटल बिहारी बाजपेयी ने देश को न्यूक्लियर टेस्ट की घोषणा की थी। वह भारत का पहला देश था, जिसने न्यूक्लियर क्लब जॉइन किया।
महत्व
नेशनल टेक्नोलॉजी डे का दिन साइंटिफिक और टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस के महत्व को दर्शाता है। यह दिन युवाओं को साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है। वहीं यह दिन भारत के वैज्ञानिक उपलब्धियों को याद करने, जिसमें अग्नि मिसाइल लॉन्च करना, पोखरण परमाणु टेस्ट और मंगलयान मिशन की सफलता शामिल है।