नौकुचियाताल की खूबसूरत झील के नौ कोनों के बारे में जानते हैं आप ?

By सुषमा तिवारी | Dec 13, 2018

आप लोगों ने नैनीताल की नैनी झील के बारे में तो सुना ही होगा। शायद देखा भी हो क्योंकि नैनी झील काफी मशहूर है। लेकिन नैनीताल के पास एक ताल और है नौकुचियाताल (Naukuchiatal)। क्या आपने इसके बारे में सुना है, अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं। नौकुचियाताल की दूरी नैनीताल से करीब 26.2 कि॰मी॰ है। नैनीताल से नौकुचियाताल का रास्ता खूबसूरत नजारों से भरा है। इस झील के टेढ़े-मेढ़े कुल नौ कोने हैं जिसकी वजह से ही इस झील का नाम नौकुचियाताल (Naukuchiatal) पड़ गया है। चारों तरफ से हरे भरे पहाड़ियों से घिरी झील की गहराई 175 फ़ीट है और ये झील नैनीताल जिले की सभी झीलों में सबसे गहरी है।

 

इसे भी पढ़ेंः महात्मा गांधी की तमाम यादों को संजोये हुए है गुजरात का अहमदाबाद

 

एड्वेंचर्स स्पोर्ट

नौकुचियाताल के आसपास आपको अपने मनोरंजन के लिए कई तरह के एडवेंचर हैं जैसे कयाकी, पैडल बोट, चप्पू से खेने वाली आरामदायक नौका, झील के पानी में जोर्बिंग, झील में पैरासेलिंग, पहाड़ से पैराग्लाइडिंग, जंगल ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग जैसे तमाम तरह की चीजें हैं जो आपकी यात्रा को मनोरंजक बना देगी।

 

इसे भी पढ़ेंः दूध जैसे सफेद पानी में अगर रॉफ्टिंग करनी है तो चले आइये दांदेली

 

खूबसूरती

अगर आप पक्षियों से प्यार करते हैं तो भी ये जगह आपको काफी अच्छी लगेगी। नौकुचियाताल (Naukuchiatal) में पक्षियों की अनेक प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। सफेद पक्षी, नीली झील और झील में खिले कमल के फूल नाव में बैठ कर ये नजारा देखा अद्भुत होता है। इस ताल में 20-25 पौण्ड तक की मछलियाँ आसानी से मिल जाती हैं। मछली के शिकार करने वाले और नौका विहार शौकीनों की यहाँ भीड़ लगी रहती है। इस ताल के पानी का रंग गहरा नीला है। यह भी आकर्षण का एक मुख्य कारण है। पर्यटकों के लिए यहाँ पर खाने और रहने की सुविधा है। धूप और बारिश से बचने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।

 

इसे भी पढ़ेंः भारत की खास धरोहर मानी जाती हैं ये भव्य ऐतिहासिक इमारतें


नौकुचियाताल का धार्मिक महत्व

वैसे तो हमारे देश के लोग काफी धार्मिक हैं। भगवान में हमारी आस्था है वैसी ही इस झील का भी धार्मिक महत्व भी है। नौकुचियाताल (Naukuchiatal) के लोगों की ये मान्यता है कि अगर इस ताल के नौ कोनों को कोई इंसान एक नजर में देख ले तो उसे मोक्ष प्राप्त होगा और वो हमेशा के लिए अमर हो जाएगा। लेकिन झील के किसी भी कोने से खड़े होके देखने पर झील के केवल 7 कोने ही दिखाए देते। हालाँकि यह केवल एक मान्यता भर है वैज्ञानिक दृष्टि से इसका कोई महत्व नहीं है।

 

-सुषमा तिवारी

प्रमुख खबरें

DC vs RR IPL 2024: दिल्ली कैपिटल्स ने राजस्थान रॉयल्स को हराया, पोरेल और फ्रेजर-मैकगर्क की अर्धशतकीय पारी

पुलवामा हमले के वक्त Modi फिल्म की शूटिंग करने में व्यस्त थे : Farooq Abdullah

South China Sea में परिचालन संबंधी तैनाती के लिए भारतीय नौसेना के तीन पोत Singapore पहुंचे

China के राष्ट्रपति ने वरिष्ठ राजनयिक Xu Feihong को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया