By अंकित सिंह | Sep 09, 2025
प्रभासाक्षी समाचार नेटवर्क के खास साप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह नेपाल की स्थिति, जीएसटी सुधार और बिहार कांग्रेस की राजनीति से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि नेपाल के प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी कार्यालयों, बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के घर और जनकपुर की इमारतों में आग लगा दी, जबकि काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहे। सोमवार को हुई मौतों की जवाबदेही की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बालकोट स्थित निजी आवास के पास जमा हुए। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने आवास में आग लगा दी। मंगलवार दोपहर सानेपा स्थित नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने बुधनीलकांठा स्थित नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घर में भी तोड़फोड़ की।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के च्यासल स्थित सीपीएन-यूएमएल के राजनीतिक दल कार्यालय पर हमला किया। सोमवार को 19 प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन के तहत प्रदर्शनकारियों ने खिड़कियां तोड़ दीं, पत्थर फेंके और इमारत में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि भारत के पड़ोस में ये सब अगर हो रहा है तो यह हमारे देश के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि नेपाल में सरकार द्वारा प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध ने देश के राजनीतिक, सामाजिक और कूटनीतिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया है। यह केवल डिजिटल नीति का सवाल नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और युवा चेतना के लिए एक गंभीर चुनौती है। फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स, जिन्हें युवा पीढ़ी अपने विचार व्यक्त करने, दोस्तों से जुड़ने और वैश्विक घटनाओं से अपडेट रहने के लिए इस्तेमाल करती है, उन पर बैन लगाने से युवाओं में गहरी नाराजगी और असंतोष पैदा हुआ है।
प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि युवा पीढ़ी पहले ही देश की कमजोर स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से तंग आ चुकी है। ऐसे समय में सोशल मीडिया पर पाबंदी ने उनकी निराशा को और बढ़ा दिया है। हाल ही में ‘नेपो किड्स’ यानि राजनीतिक परिवारों के बच्चों के विरुद्ध उभरे गुस्से और काठमांडू में जेनरेशन ज़ेड के युवाओं का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि वह अब अन्याय को चुपचाप सहन नहीं करेंगे। यह चेतावनी है कि यदि सरकार युवा वर्ग की भावनाओं को समझने में विफल रही, तो राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। देखा जाये तो इस घटनाक्रम का भारत और दक्षिण एशिया के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश है। नेपाल भारत का निकटतम पड़ोसी और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देश है। वहां की अस्थिरता न केवल सीमा सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है, बल्कि चीन जैसे बाहरी प्रभावों को बढ़ावा देने का अवसर भी दे सकती है।
जीएसटी सुधार को लेकर प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसे हर एक इंसान को फायदा होगा। देश में महंगाई कम होगी। साथ ही साथ लोगों को टैक्स के झंझट से राहत मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार भारतीय अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में यह फैसला लिया गया है। अपने आप में यह ऐतिहासिक फैसला है और सभी को इससे राहत मिलेगा। इससे आम जरूरत की चीजें सस्ती होगी। वही, बिहार को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि कई बार राहुल गांधी मेहनत करते हैं और उनकी पार्टी उसे पर पानी फेर देती है। दूसरी ओर देखे तो कांग्रेस मेहनत करती है और राहुल गांधी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। यह कांग्रेस में लगातार चलता रहा है और जिस तरीके से केरल कांग्रेस का ट्वीट आया वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप किसी को इस तरीके से नीचा नहीं कर सकते हैं।