देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री
रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि
नई शिक्षा नीति देश के युवाओं के बौद्धिक विकास के लिए एक नया खाका पेश करती है जिससे वे तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों से निपट सकें। आईआईटी रूड़की के एक कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हिस्सा लेते हुए निशंक ने कहा, ‘तेजी से बदलते विश्व और भविष्य की चुनौतियों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए सरकार ने बहुत प्रयास किए हैं। नयी शिक्षा नीति देश के युवाओं के बौद्धिक विकास के लिए एक नया खाका प्रस्तुत करती है।’
उन्होंने उम्मीद जताई कि एनईपी—2020 के लागू होने से विद्यार्थियों को मजबूती मिलेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना के अनुरूप भारत को एक विकसित, डिजीटल और आत्मनिर्भर देश बनाने का मार्ग उपलब्ध होगा। आईआईटी रूडकी को एशिया के सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए एक व्यावहारिक समाधान खोजना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आईआईटी रूडकी हिमालयी क्षेत्र में स्थित है जहां बहुत जैवविविधता है। हांलांकि, इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष भी आम हो गए हैं।