By रेनू तिवारी | Jul 11, 2025
वृक्षारोपण अभियान 2025 के तहत वाराणसी मंडल, जिसमें चार जिले - वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली शामिल हैं - ने 1.80 करोड़ पौधों के लक्ष्य से अधिक, 1.81 करोड़ पौधे सफलतापूर्वक लगाए। इस विशाल वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्र को बढ़ाना है, जो वर्तमान में लगभग 25% है, और इसे 33% तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’’ ध्येयवाक्य के तहत 37.21 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाने का दावा किया है। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश ‘हीट वेव’ से ‘ग्रीन वेव’ की ओर तेजी से अग्रसर है। इस दिशा में पौधरोपण महाभियान में इस वर्ष में एक पेड़ मां के नाम 2.0 ध्येयवाक्य के तहत 37.21 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है।
बयान के अनुसार पिछले आठ वर्षों से उत्तर प्रदेश में चल रहे पौधरोपण महाभियान के तहत अब तक 240 करोड़ से अधिक पौधे लगाये जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत वाराणसी के लोग एक विशाल वृक्षारोपण अभियान में शामिल हुए। बुधवार को रमना स्थित एसटीपी परिसर में एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहाँ उत्तर प्रदेश के मंत्री रवींद्र जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य और एमएलसी धर्मेंद्र सिंह ने पवित्र त्रिवेणी वन में पीपल, बरगद और नीम के पेड़ लगाए। इस कार्यक्रम के साथ 37 करोड़ पौधे लगाने की राज्यव्यापी पहल की शुरुआत हुई।
इससे अलावा वन विभाग की ओर से जारी की गई 2021-22 से लेकर 2024-25 तक लगाये गये पौधों के बचे रहने की दर लगभग 86.67 प्रतिशत है। साथ ही इस अभियान के चलते राज्य में हरित आवरण और ‘फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक’ में भी राष्ट्रीय औसत से तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है। वन विभाग की अनुश्रवण शाखा की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में पौधों के बचे रहेन की दर 76.87 प्रतिशत, 2022-23 में 83.73 प्रतिशत, 2023-24 में 90.04 प्रतिशत और 2024-25 में 96.06 प्रतिशत दर्ज की गई है।