नया साल हमारा नहीं (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | Jan 03, 2024

नया साल शुरू हुए काफी घंटे बीत चुके हैं लेकिन बहुत हैरान हूं। अब तक धर्मपत्नी ने, ‘चल कहीं दूर निकल जाएं’ गुनगुनाते हुए, पांच सितारा डिनर की फरमाइश नहीं की। लगता है वह शिमला और मनाली पहुंची हज़ारों गाड़ियों की भीड़ देखकर सुधर गई। पिछले साल हमने मुश्किल से मिले एक ‘शानदार’ रिसोर्ट में महंगे खान पान के साथ उन्हीं घिसे पिटे गानों पर वही घिसा पिटा डांस किया था। हमने पत्नी से कहा अभी तो साल शुरू हुआ है, चल कहीं दूर निकल जाएं। वह स्पष्ट बोली नया साल ऐसे नहीं मनाएंगे। नाराज़ तो नहीं हो, हमने पूछा, बोली नाराज़ होती तो आप इस हालत में नहीं होते। दरअसल अब मैं भारतीय संस्कृति में ख़ासी दिलचस्पी ले रही हूँ। कुछ दिन पहले ही उन्हें पता चला कि इक्कतीस दिसम्बर की रात को मनाए जाने वाले नए साल में हम भारतीयों का कुछ नहीं है। यह सब कुछ पाश्चात्य संस्कृति का हिस्सा है।


मैंने कहा हम न्यू इंडिया वाले पूरी दुनिया के साथ हैं। अंतर्राष्ट्रीय ब्रैंड्स का कितना कुछ। हमारे बच्चे खुलेपन में विदेशियों से आगे निकल चुके हैं। समझदारों के बच्चे कान्वेंट में पढ़ते हैं। पत्नी बोली, विकास के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है फिर भी देखने पढ़ने पर हमें स्पष्ट लगा कि विदेशियों ने अपनी सभ्यता, संस्कृति, पुरातत्व सब संजो कर रखा और आधुनिकता को भी गले लगाया लेकिन हमने अपना तो सब गर्क़ कर दिया और बदलाव के नाम पर ऐसी खिचड़ी पकाई कि हम न भारतीय रह सके न विदेशी।

इसे भी पढ़ें: नया साल मनाने के लिए (व्यंग्य)

हमने कहा प्रिय, विकासजी व बदलावजी के कहने पर काफी दूर आ गए हैं जहां से लौटना मुश्किल है। वह सिर उठाकर बोली, अब मैंने यह दृढ़ संकल्प लिया है कि कुछ तो अपना दोबारा अपनाना चाहिए। विदेशियों का नया साल तो तारीख बदलने पर खानेपीनेनाचने गाने का बहाना है। हमारा नया साल तब होता है जब वसंत ऋतु आती है, सरसों के खेत लुभाते व पेड़ पौधे फूलों से लदने लगते हैं। अपना नया साल ज्योतिषी से पूछ कर मनाओगी। क्या हर्ज़ है, जब अमीर, पढ़े लिखे, नेता, अभिनेता, व्यवसायी पचांग दिखवाते हैं तो जीवन का नया साल शुरू करने के लिए क्यूँ नहीं। हमने पूछा जनाब, बता सकती हैं कि हमारा नया साल कब होगा। घोषणा हुई, सही समय पर बताएंगे, ध्यान रखना उस दिन हम आपसे एक महंगी बनारसी साड़ी उपहार में लेंगे, जिसे पहनकर, ‘चल कहीं दूर निकल जाएं’, भी गाएंगे और जाएंगे भी। हमें लग रहा है, आ चुका रहा नया साल हमारा नहीं रहा।


- संतोष उत्सुक

प्रमुख खबरें

पश्चिम बंगाल में बनने जा रही है बाबरी मस्जिद! ममता बनर्जी के राज्य में होने वाला है बड़ा कांड, भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी

Vladimir Putin के डिनर पर Shashi Tharoo हुए शामिल, खड़गे-राहुल गांधी को न्योता नहीं? कांग्रेस ने लगाया सरकार पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर: Ram Nath Kovind