प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का समय मिलने का इंतजार करेंगे नीतीश कुमार, यह है कारण

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 16, 2021

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के विषय पर बातचीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मिलने के संबंध में सोमवार को कहा कि वह इसके लिए इंतजार करेंगे और तब तक इस बारे में कोई नई बात नहीं कहेंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय में सोमवार को आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा गया था और प्रधानमंत्री कार्यालय से उस पत्र की प्राप्ति की जानकारी भी मिल गयी है। कुमार ने कहा, ‘‘जब आदरणीय प्रधानमंत्री जी उचित समझेंगे तो मिलने का समय देंगे।’’ केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराए जाने की स्थिति में कर्नाटक की तर्ज पर इसे लेकर सर्वेक्षण कराए जाने के विपक्ष के सुझाव पर नीतीश ने कहा कि समय मिलने (प्रधानमंत्री से मिलने के लिए) का इंतजार करेंगे और जब तक यह नहीं होता है ‘‘तब तक हम कोई नई बात नहीं कहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से बातचीत में जो चीजें सामने आयेगी, उसे लेकर आपस में बैठकर विचार किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें: अगर औरंगाबाद का नाम बदलने से लोगों की समस्याएं हल होती हैं, तो कांग्रेस समर्थन करेगी: पटोले

नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों ने पहले भी जातीय जनगणना अपने-अपने राज्यों में कराई है। हम चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो, फैसला केंद्र सरकार को लेना है। नीतीश ने कहा कि 2011 में केंद्र सरकार ने अलग से जातीय जनगणना करायी थी लेकिन उसकी रिपोर्ट को प्रकाशित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर वह 1990 से ही अपनी बातें रखते रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना होने से किसी का नुकसान नहीं होगा, सबको फायदा होगा। अलग-अलग जातियों की संख्या की एक बार जानकारी हो जाने से उनको आगे बढ़ाने की दिशा में बेहतर काम हो सकेगा। जातीय जनगणना होने के बाद आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से आगे बढाने की मांग उठने की संभावना को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में सभी के विकास और उत्थान के लिए जातीय जनगणना जरुरी है।

इसे भी पढ़ें: तिरंगे के अपमान को लेकर मौन धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक

केन्द्र सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित संविधान (127वां संशोधन) विधेयक संसद से पारित कराये जाने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि पहले से ही राज्यों को ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार था। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद फिर से सभी राज्यों को यह अधिकार मिल गया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अब से हर वर्ष 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाये जाने के संबंध में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि जब देश विभाजित हुआ तो किसी को अच्छा नहीं लगा था और इसको लेकर काफी संघर्ष हुआ। उन्होंने कहा कि काफी संघर्ष के बाद इस देश को आजादी मिली। पुरानी पीढ़ी को सब बातें मालूम है, नई पीढ़ी को भी इससे जानकारी मिल जायेगी। नीतीश कुमार ने कहा कि बापू नहीं चाहते थे कि देश का विभाजन हो। उन्होंने कहा, ‘‘देश की आजादी का यह 75वां साल है। सब लोग मिल-जुलकर देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। देश को और आगे बढ़ाना है। देश के पिछड़े इलाके का भी विकास हो रहा है, पिछड़े तबके का भी उत्थान हो रहा है। आपस में प्रेम, भाइचारे और सद्भाव का माहौल बनाये रखना है।

प्रमुख खबरें

Shah ने BJP और उसके छद्म सहयोगियों को नेशनल कॉन्फ्रेंस को हराने का निर्देश दिया: Omar

विपक्षी दलों के नेताओं को जेल भेजने में Congress अव्वल : Chief Minister Mohan Yadav

Manoj Tiwari ने मुझ पर हमला कराया क्योंकि लोग अब उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं: Kanhaiya

Shakti Yojana से Metro को नुकसान होने संबंधी प्रधानमंत्री की टिप्पणी से हैरान हूं: Shivkumar