By अंकित सिंह | Mar 25, 2023
लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता खत्म हो जाने के बाद विपक्षी नेता जबरदस्त तरीके से भाजपा व केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सूरत कोर्ट के द्वारा मानहानि मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इसी को लेकर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है। इसी मामले पर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का बयान सामने आया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के संबंध में 24 घंटे के अंदर जिस प्रकार से फैसला लिया गया है वह दर्शाता है कि केंद्र सरकार हताशा में है। लोकतंत्र की प्रक्रिया होती है, कार्ट का फैसला चुनाव आयोग में जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के माध्यम से वे स्पीकर के पास जाता है। ये सारी प्रक्रिया 10 घंटे में करना दिखाता है कि इसमें केंद्र सरकार की भूमिका है। इससे पहले ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि हड़बड़ी में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की लोक सभा से सदस्यता समाप्त करने के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और इसकी पूरी पटकथा बीजेपी ने लिखी है। उन्होंने कहा कि सूरत की सत्र न्यायालय द्वारा अपील के लिए दिए गए एक महीने के समय को दरकिनार करते हुए आनन-फ़ानन में भाजपा सरकार द्वारा लिया गया निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
ललन सिंह ने कहा कि काश केंद्र की सरकार ₹ 81000 करोड़ के कॉपरपोरेट घोटाले के विरुद्ध ऐसी ही त्वरित कार्रवाई करती...! संभव है इसके जांच की मांग का खामियाजा राहुल गांधी को उठाना पड़ा...! JDU राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि 14 राजनीतिक दलों ने एक साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मैं भी उसमें याचिकाकर्ता हूं, हमने यही कहा है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ED, CBI, IT का उपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ कर रही है। उस पर ध्यान दिया जाए। 5 अप्रैल को इस पर सुनवाई होगी।