महिलाओं, पिछड़े वर्गों की उपेक्षा करने वाले लोगों की बातों से ‘गुमराह’ नहीं हों: नीतीश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 30, 2020

खगड़िया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी चुनावी सभाओं में महिलाओं एवं पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने और उनके सशक्तीकरण के लिये उनकी सरकार द्वारा उठाये गए कदमों को गिनाया और उन पर ‘विश्वास’ रखने और विपक्ष की बातों से ‘गुमराह’ नहीं होने की अपील की। खगड़िया जिला और परबत्ता में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘ आज लोग बोल रहे हैं लेकिन पहले कितना बुरा हाल था महिलाओं का। पहले महिलाओं की उपेक्षा की जाती थी, किसी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया।’’ लालू प्रसाद पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अंदर (जेल) गए तो पत्नी को गद्दी पर बिठा दिया, लेकिन इसके अलावा महिलाओं के लिये कोई काम नहीं किया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्हें काम करने का मौका मिला, तब उन्होंने पंचायतों एवं शहरी निकायों में महिलाओं को आरक्षण दिया। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि अब पंचायतों एवं शहरी निकायों में महिलाओं एवं पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व काफी बढ़ गया है, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला है और उनकी इज्जत बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर बिहार आगे बढ़ा है, तो उसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं की सहभागिता है। महिलाओं को आगे बढ़ाना हमारी प्रतिबद्धता है।’’ 

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नीतीश ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिये विश्व बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूह का गठन किया गया और आज जीविका समूह का काफी विस्तार हुआ है। महिलाओं को जोड़ने का प्रयास करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में लागू शराबबंदी का भी जिक्र किया। नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने न्याय के साथ विकास सुनिश्चित किया और अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अतिपिछड़े, महादलितों सभी को आगे बढ़ाने का काम किया, जिन्हें पहले कोई पूछता नहीं था। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को राजद नीत विपक्षी गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जद (यू) अपने पारंपरिक वोट बैंक अति पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ महिला मतदाताओं से भी आस लगाये हुए है। कुमार ने कहा, ‘‘पहले शहरों में भी बिजली नहीं मिलती थी। हमने लालटेन के युग को खत्म कर हर घर में विकास की रोशनी पहुंचाई है।’’ उन्होंने लोगों से विपक्ष की बातों से गुमराह होने से बचने की अपील करते हुए कहा, ‘‘कौन क्या बोलता है, कौन क्या गड़बड़ करता है.....यह सभी को मालूम है। उन्हें (विपक्ष) न काम करने का अनुभव है, न कोई काम करना चाहते हैं। सिर्फ इधर-उधर की बातें करते हैं। ’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी क्षेत्र और समाज के हर तबके के लोगों के विकास के लिये काम किया है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ काम रह गया है तब चुनाव के बाद वह फिर आयेंगे और लोगों से बात करके उसे पूरा किया जायेगा।

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केंद्र और राज्य के मिलकर काम करने का उल्लेख करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के विकास के वास्ते अनेक योजनाएं दी हैं। अगर आप हमें काम करने का एक और मौका देते हैं तब बिहार को और आगे बढ़ायेंगे, विकसित राज्य बनायेंगे।’’ राजद के शासनकाल का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले न पढ़ाई की व्यवस्था थी, न इलाज का इंतजाम था और न लोगों के आने-जाने की सुविधा थी और शाम के बाद लोगों की घर से निकलने की हिम्मत नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि पहले कितनी अपराध की घटनाएं होती थीं, कितने नरसंहार, हत्या की घटनाएं होती थीं। बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने अपराध की घटनाओं को नियंत्रित करने का काम किया है। हमने कानून का राज कायम किया।’’ उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आगे काम करने का मौका मिला तो वह हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने, नई टेक्नोलॉजी को गांव-गांव तक पहुंचाने और सभी युवक-युवतियों को इसका प्रशिक्षण दिलाने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्हें (राजद) मौका मिला तब काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि राजद के 15 साल के कार्यकाल के दौरान सिर्फ 95 हजार लोगों को नौकरी मिली जबकि उनके 15 साल के कार्यकाल में छह लाख लोगों को नौकरी दी गई और काम के अन्य अवसर भी दिये गए। गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में 10 लाख नौकरी देने और विकास के मुद्दे को उठाते हैं।

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