NMC बिल को सरकार ने बताया सबसे बड़ा सुधार, विपक्ष ने अलोकतांत्रिक करार दिया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 29, 2019

नयी दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के विरोध के बीच ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ को चर्चा और पारित कराने के लिए रखते हुए कहा कि विधेयक भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नरेंद्र मोदी सरकार की नीति के साथ लाया गया है तथा यह इतिहास में भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के सबसे बड़े सुधार के तौर पर दर्जा होगा। कांग्रेस, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने विधेयक को अलोकतांत्रिक और सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ बताया। भाजपा ने कहा कि सरकार ने इस विधेयक में विपक्ष और चिकित्सक समुदाय की सभी भावनाओं का ख्याल रखा है और चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है। लोकसभा में ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक-2019’ चर्चा और पारित कराने के लिए पेश करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मोदी सरकार सबको गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है और 2014 से लगातार इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: सभी महिलाओं से माफी मांगे आजम खान: मायावती

उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। इस मामले में सीबीआई जांच भी हुई। ऐसे में इस संस्था के कायाकल्प की जरूरत हुई। मंत्री ने यह भी कहा कि यह इतिहास में भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के सबसे बड़े सुधार के तौर पर दर्जा होगा। हर्षवर्धन ने कहा कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चलती है और यह विधेयक भी इसी भावना के साथ लाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन को आश्वासन देता हूं कि विधेयक में आईएमए (भारतीय चिकित्सक संघ) की उठाई गयी आशंकाओं का समाधान होगा।’’हर्षवर्धन ने कहा कि एनएमसी विधेयक एक प्रगतिशील विधेयक है जो चिकित्सा शिक्षा की चुनौतियों से पार पाने में मदद करेगा। विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के विन्सेंट एच पाला ने कहा कि एमसीआई के पुनर्गठन की जरूरत को हम मानते हैं कि नया विधेयक संस्था के अधिकारों को कमजोर कर अधिकतर नियंत्रण सरकार के हाथ में देता है। उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई), भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और सीबीआई की तरह सरकार एमसीआई के अधिकारों को भी कम कर रही है। सरकार ने स्थाई समिति की जरूरी सिफारिशों को भी नहीं माना है।पाला ने विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं के प्रावधान पर सरकार से मानदंडों पर स्पष्टीकरण की मांग की। उन्होंने कहा कि एमसीआई में भ्रष्टाचार की बात हम मानते हैं लेकिन मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के मामले में आयोग में वैसी ही चीजें नहीं होंगी, सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी।कांग्रेस सदस्य ने कहा कि विधेयक में निजी कॉलेजों के लिए नियम बनाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है।

इसे भी पढ़ें: लोकसभा में बिगड़े बोल पर आजम ने मांगी माफी

सरकारी कॉलेजों के बारे में इतना विचार नहीं है। उन्होंने विधेयक को वापस लेने की मांग की। भाजपा के महेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में पहले लाये गये विधेयक में ब्रिज कोर्स आदि को लेकर चिकित्सक समुदाय की जो चिंताएं थीं उन्हें दूर करने का प्रयास किया है और आगे भी इस तरह की चिंताओं का निदान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि देश में 2014 में 4 लाख डॉक्टरों की कमी थी। सरकार इस कमी को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। पेशे से चिकित्सक शर्मा ने कहा कि देश में योग्य और दक्ष चिकित्सक हों तथा गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा हो, इसे पूरा करने की जिम्मेदारी सरकार की है।उन्होंने कहा कि जब एमसीआई अपनी जिम्मेदारी अदा करने में विफल हो गया, उसका व्यावसायीकरण हो गया और वह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया तो सरकार ने तुरंत कदम उठाये।शर्मा ने कहा कि देश में कुल 536 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें 121 केवल पिछले तीन साल में बने हैं।

इसे भी पढ़ें: संगीत सोम का दावा, आजम खान भू-माफिया ही नही बल्कि 420 भी है

मोदी सरकार इस रफ्तार से चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रही है। पिछले चार साल में एमबीबीएस की सीटें 25 प्रतिशत बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एमसीआई में इंसपेक्टर राज से मुक्ति के लिए क्रांतिकारी कदम उठाये। पूरे देश की चिकित्सा शिक्षा का मानकीकरण किया। शर्मा ने कहा कि विधेयक के पिछले मसौदे में कुछ वर्गों की चिंता ब्रिज कोर्स के प्रावधान को लेकर थी तो सरकार ने उस व्यवस्था को खत्म कर दिया। सारी चिंताओं का निदान किया गया है और आगे भी किया जाएगा।इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों पर हमलों की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए कोई कानून नहीं हो सकता, मानवतापूर्ण सोच के साथ ही इसे रोका जा सकता है। द्रमुक के ए राजा ने स्वास्थ्य को राज्य का विषय बताते हुए इस विधेयक को गरीब विरोधी, अलोकतांत्रिक, सामाजिक न्याय विरोधी तथा संघवाद की भावना के खिलाफ बताया।उन्होंने कहा कि एमसीआई में भ्रष्टाचार सामने आने के बाद विधेयक लाया गया, लेकिन भ्रष्टाचार कहां खत्म हो गया?

 

प्रमुख खबरें

Anushka Sharma Birthday | विराट कोहली और टीम आरसीबी के साथ अनुष्का शर्मा का बर्थडे सेलिब्रेशन, तस्वीरें वायरल

Lucknow Lok Sabha Seat: हैट्रीक पर राजनाथ सिंह की नजर, 5 बार सांसद रहे अटल बिहारी वाजपेयी

महाराष्ट्र में दुर्घटनाओं का शुक्रवार, उद्धव गुट की नेता के हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद अब शरद पवार के काफिले की कार का एक्सीडेंट

Amarnath Yatra Registration 2024: घर बैठे-बैठे मोबाइल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें अमरनाथ की यात्रा