भ्रष्टाचार के संकल्प से पीछे हटने वाला नहीं, देश को लूटने वालों को डरना होगा: मोदी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 08, 2019

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेल, 2जी घोटाला एवं रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर सीधा निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये वे संकल्प के साथ चले हैं और पीछे हटने वाले नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें डरना ही होगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह बर्बाद किया है। सब चाहते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म हो। लेकिन किसी न किसी के हाथ कहीं फंसे हुए हैं। हम भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में संकल्प के साथ आगे बढ़े हैं।

 

उन्होंने कहा कि हम पर किसी तरह का बैगेज (अतीत का बोझ) नहीं है। हमें न किसी पर अहसान करना है, ना किसी के अहसान पर जिंदा हूं। इसलिए जी जान से कालाधन, भ्र्रष्टाचार के खिलाफ लगे हुए हैं। मोदी ने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें डरना ही होगा। ऐसे लोगों से लड़ने के लिये जिंदगी खपाई है। देश में चोर, लुटेरों को डर खत्म हो गया था, ऐसे लोगों के मन में डर पैदा करने के लिये जनता ने उन्हें बिठाया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि करीब आठ करोड़ लोगों को आधार की व्यवस्था के जरिये बाहर कर दिया गया, जो दलाली लेते थे। उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति कानून के बाद अब बेनामी संपत्तियां जब्त हो रही हैं। अब संपत्ति निकल रहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब कौन कौन सी और कहां कहां से संपत्ति निकल रही है। इसलिए परेशानी होना बहुत स्वाभाविक है।

 

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मोदी ने कहा, ‘‘ लेकिन मैं इस सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि इस संकल्प में हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। चुनौतियां बड़ी हैं, रुकावटें बहुत है। लेकिन रुकावटों से ज्यादा मजबूत हमारा संकल्प है।’’ उन्होंने कांग्रेस सहित विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आज चेहरे उतरे हुए हैं क्योंकि एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन राजदार पकड़कर लाये गये हैं। उनका परोक्ष संदर्भ क्रिश्चियन मिशेल सहित कुछ आरोपियों के विदेश से भारत लाये जाने के संबंध में था। नोटबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके बाद तीन लाख फर्जी कंपनियां बंद हो गयीं। उन्होंने कहा कि कि अगर पुरानी प्रणाली होती तो चलता रहता। लेकिन यह 55 महीने की सेवाभाव की सरकार की वजह से संभव हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने विदेशों से चंदा प्राप्त करने वाले संगठनों से उन्हें मिले अनुदान का हिसाब मांगा। कोई छापा नहीं मारना पड़ा और एक छोटी सी चिट्ठी गयी और 20 हजार से अधिक संगठनों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं।

 

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