By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 18, 2018
नयी दिल्ली। दिल्ली आईएएस एसोसिएशन ने अरविंद केजरीवाल सरकार से राजनीतिक फायदे के लिए उसके अधिकारियों का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है। साथ ही आप के इस दावे का खंडन किया है कि उसके अधिकारी हड़ताल पर हैं। अधिकारियों की हड़ताल को लेकर आप सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच गतिरोध जारी है। एसोसिएशन ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार को अपना रूख बदलने की जरूरत है। एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि गलत सूचना दी गयी है और आप सरकार आईएएस अधिकारियों की छवि धूमिल करने के लिए मिथ्या अभियान चला रही है कि वे हड़ताल पर हैं।
राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी, दक्षिण दिल्ली जिलाधिकारी अमजद टाक और सूचना एवं प्रचार सचिव जयदेव सारंगी के साथ संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी काफी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे लोग राजनीति में शामिल नहीं हैं और तटस्थ हैं। उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ कानून और संविधान के प्रति उत्तरदायी हैं।’’ सक्सेना ने कहा, ‘‘हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं। हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं।’’
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं। वे लोग यह मांग कर रहे हैं कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म करने का निर्देश देना चाहिए। अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया कि दिल्ली सरकार में सचिव मंत्रियों और विधायकों के फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग उन बैठकों में शामिल नहीं होंगे, जिसे वे असुरक्षित समझेंगे।
वे लोग केजरीवाल के आवास पर संभवत: आप के कुछ विधायकों द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर किए गए कथित हमले का जिक्र कर रहे थे। सक्सेना ने यह दावा भी किया कि उन्हें अतीत में धमकी मिल चुकी है, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।जोशी ने कहा, ‘‘हम बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। कृपया राजनीतिक फायदे के लिए हमारा इस्तेमाल नहीं करें। हमें काम करने दें। यह सही नहीं है कि हम बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे।’