By अभिनय आकाश | Dec 11, 2024
सीरिया में तख्तापलट के बाद अगर किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो इजरायल है। इजरायल के कमांडों सीरिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गए और फिर जो हुआ वो हैरान करने वाला है। गाजा-लेबनान को निपटाने के बाद 50 साल बाद इजरायल की सेना सीरिया में घुस गई। इजरायली वायु सेना के खतरनाक कमांजोड ने सीरिया के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंड हैरमन पर कब्जा कर लिया। ये पहाड़ सीरिया की सीमा के 10 किलोमीटर अंदर तक है। माउंट हैरमॉन सीरिया और लेबनान की सीमा पर मौजूद है। माउंट हैरमॉन की स्ट्रैटजिक लोकेशन इजरायल के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। जिसके बाद अब खबर आई है कि इज़राइल ने पुष्टि की है कि उसने बशर अल-असद शासन के पतन के बाद देश में सैन्य संपत्तियों को ध्वस्त करने के अपने प्रयासों के तहत सीरिया के नौसैनिक बेड़े पर व्यापक हमले किए हैं।
इज़राइल रक्षा बल या आईडीएफ ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इज़राइली जहाजों ने सोमवार रात अल-बायदा और लताकिया में बंदरगाहों पर हमला किया, जहां 15 जहाज खड़े थे। आईडीएफ के अनुसार, इजरायली युद्धक विमानों ने पूरे सीरिया में लक्ष्यों पर 350 से अधिक हवाई हमले किए थे। इसने जमीनी बलों को सीरिया और कब्जे वाले गोलान हाइट्स के बीच विसैन्यीकृत बफर जोन में भी स्थानांतरित कर दिया।
दमिश्क में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने उपनगरों में भारी हवाई हमलों की आवाज सुनीं। ऑनलाइन प्रसारित तस्वीरों में नष्ट हुए मिसाइल लांचर, हेलीकॉप्टर और युद्धक विमान दिखाई दे रहे हैं। दमिश्क पर कब्जा करने वाले हयात तहरीर अल-शम या एचटीएस के नेतृत्व वाले विद्रोही समूहों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। इजराइल ने यह भी कहा कि वह संदिग्ध रासायनिक हथियार स्थलों और भारी हथियारों पर हमला कर रहा है ताकि उन्हें चरमपंथियों के हाथों में पड़ने से रोका जा सके। इजराइली अधिकारी शायद ही कभी ऐसे हमलों को स्वीकार करते हैं। इजराइल का अपने पड़ोसियों के साथ युद्ध के दौरान क्षेत्र पर कब्जा करने और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अनिश्चित काल तक उस पर कब्जा रखने का एक लंबा इतिहास रहा है।