ओड़िशा के स्वास्थ्य मंत्री की गोली मारकर हत्या, मानसिक रूप से अस्वस्थ पुलिस पुलिसकर्मी ने बनाया था निशाना, नब किशोर को दिया जाएगा राजकीय सम्मान

By रेनू तिवारी | Jan 30, 2023

ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास की गोली लगने से मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि दम तोड़ने से पहले वह कई घंटों तक मौत से संघर्ष करते रहे। अधिकारियों ने बताया कि मंत्री को एयर एम्बुलेंस द्वारा भुवनेश्वर ले जाया गया और वहां अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों की एक टीम ने उनका ऑपरेशन किया। सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास ने बजरंगनगर शहर में अपराह्न करीब एक बजे 60-वर्षीय दास को कथित तौर पर गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये। दास को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि पुलिस अधिकारी को हिरासत में ले लिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि हमलावर एएसआई दिमागी रूप से बीमार है। 

 

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ओडिशा सरकार ने रविवार शाम कहा कि एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक की गोलीबारी में जान गंवाने वाले स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नब किशोर दास को राजकीय सम्मान दिया जाएगा। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि पूरे राज्य में 29 से 31 जनवरी तक कोई आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा। विज्ञप्ति में कहा गया, “ओडिशा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सम्मान के रूप में, दिवंगत गणमान्य व्यक्ति को राजकीय सम्मान दिया जाएगा। राज्य की राजधानी में मृत्यु के दिन और अंत्येष्टि के दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।’’ मंत्री को अपराह्न करीब एक बजे ब्रजराजनगर शहर में सहायक पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल दास ने गोली मार दी। माना जाता है कि संबंधित पुलिसकर्मी वह मानसिक विकार से पीड़ित है। झारसुगुड़ा से भुवनेश्वर ले जाने के बाद अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने मंत्री का ऑपरेशन किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

 

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अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘ऑपरेशन के बाद पता चला कि एक गोली उनके शरीर में घुसकर बाहर निकल गयी थी, जिसके कारण उनका दिल और बायां फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो गया तथा बड़ी मात्रा में अंदरुनी रक्तस्राव हुआ।’’ बयान के अनुसार, ‘‘जख्मों का उपचार किया गया और हृदय की गति में सुधार के लिए कदम उठाए गए। गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उनका उपचार किया गया। लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्होंने दम तोड़ दिया।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दास के निधन पर शोक व्यक्त किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने एक ट्वीट में कहा, “ओडिशा सरकार में मंत्री श्री नब किशोर दास जी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से दुखी हूं। इस दुखद घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।’’ दास के करीबी माने जाने वाले पटनायक ने एक बयान में कहा कि वह (इस घटना से) स्तब्ध और व्यथित हैं। पटनायक ने कहा, “चिकित्सकों ने उनकी जान बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से वह ठीक नहीं हो सके। उन्होंने लोगों के लाभ के लिए स्वास्थ्य विभाग में कई सफल पहल की हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक नेता के तौर पर दास ने बीजू जनता दल को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि दास जमीन से जुड़े नेता थे और दलगत राजनीति से हटकर सभी दलों के लोग उनका सम्मान करते थे। आरोपी एएसआई को कब्जे में ले लिया गया है और ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने दास की हत्या की जांच शुरू कर दी है। ‘पीटीआई-भाषा’ के पास मौजूद एक वीडियो फुटेज में मंत्री के सीने से खून बहता दिख रहा है और लोग घायल मंत्री को उठाकर कार की आगे की सीट पर बिठाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त प्रतीक सिंह ने कहा कि दास को हवाई अड्डे से अस्पताल ले जाने के लिए राज्य की राजधानी में एक ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया था। घटना के मद्देनजर ब्रजराजनगर में तनाव व्याप्त हो गया है और बीजद मंत्री के समर्थकों ने ‘सुरक्षा में हुई चूक’ पर सवाल उठाये हैं। इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने ओडिशा में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पटनायक के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा ने कहा, “जब सरकार कैबिनेट मंत्री को सुरक्षा देने में असमर्थ है तो वह आम आदमी के जीवन की रक्षा कैसे कर सकती है?” खनन केंद्र झारसुगुड़ा में अपनी मजबूत पैठ रखने वाले मंत्री दास 2019 के चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजद में चले गए थे। उन्हें कोयला खनन, परिवहन और आतिथ्य क्षेत्रों में व्यावसायिक हितों के लिए जाना जाता है।

 

गोपाल दास की पत्नी जयंती ने गंजम जिले के बेरहामपुर के पास अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने टेलीविजन चैनल से अपने पति द्वारा मंत्री पर गोली चलाने की खबर सुनी है। जयंती ने कहा कि दास पिछले सात-आठ सालों से मानसिक बीमारी से पीड़ित थे और दवाइयां ले रहे थे तथा बिल्कुल सामान्य दिख रहे थे। जयंती ने कहा कि उनके पति ने सुबह अपनी बेटी को वीडियो कॉल किया था। सत्य का पता लगाने के लिए मामले की उचित जांच की मांग करते हुए जयंती ने कहा कि दास की मंत्री से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी।


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